गन्ना कटाई मजदूरों के बच्चों के लिए बनाए जाएंगे छात्रावास
राज्य मंत्रीमंडल ने दी मंजूरी

मुंबई/दि.३ – प्रदेश में स्थालांतरित गन्ना कटाई मजदूरों के बच्चों के लिए छात्रावास बनाए जाएंगे. जिसमें राज्य सरकार द्बारा संत भगवान बाबा शासकीय छात्रावास योजना शुरू करने के लिए मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है. इस योजना के पहले चरण में छात्रों व छात्राओं के लिए स्वतंत्र रुप से दस-दस छात्रावास शुरु किए जाएंगे. नए छात्रावासों के निर्माण में समय लगेगा इसलिए प्रारंभ में छात्रावास के लिए किराए की इमारत ली जाएगी और उस इमारत में छात्रावास शुरु किए जाएंगे.
राज्य के दस जिलों बीड, अहमदनगर, जालना, नांदेड, परभणी, उस्मानाबाद, लातुर, औरंगाबाद, नासिक और जलगांव जिले की 41 तहसीलों में छात्रावास का निर्माण किया जाएगा. प्रदेश के सामाजिक न्यायमंत्री धंनजय मुंडे ने बताया कि राज्य की 41 तहसीलोें में मजदूरों के लडको व लडकियों के लिए कुल 82 छात्रावास शुरु किए जाएगें. हर छात्रावास में सौ विद्यार्थी रह सकेंगे. जिसमें उन्हें भोजन और निवास की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध होगी. सामाजिक न्यायमंत्री मुंडे ने बताया कि पहले चरण में छात्रावास निर्माण के लिए बीड जिले के परली, केज, पाटोता, गेवराइ, माजलगांव, बीड तहसील, अहमदनगर के पाथर्डी, जामखेड, जालना के धनसांवगी और अंबाड तहसील का चयन किया गया है.
इस योजना के लिए गोपीनाथ मुंडे गन्ना कटाई मजदूर महामंडल को चीनी कारखानों की ओर से प्रति टन 10 रुपए और राज्य सरकार की ओर से 10 रुपए ऐसी कुल 20 रुपए के अनुपात में निजी खर्च करने को मंजूरी प्रदान की गई है.
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छात्रावास की जरुरत क्यों
राज्य में 232 चीनी कारखाने है. इन कारखानों में 8 लाख गन्ना कटाई मजदूर काम करते है. इन मजदूरों के स्थालांतरित होने से उनके बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है. परिणामस्वरुप बच्चे स्कूल जाना छोड देते है इसलिए सरकारी छात्रावास शुरु करने का फैसला राज्य सरकार द्बारा किया गया है.