महाराष्ट्र

राजकीय नेताओं को घर बैैठे कैसे दी जाती कोरोना वैक्सीन ?

उच्च न्यायालय का राज्य सरकार से सवाल

पुणे/दि.१० – देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री अस्पतालों में जाकर कोरोना की वैक्सीन ले रहे है. वहीं राज्य के राजकीय नेताओं को घर बैठे कोरोना वैक्सीन कैसे मिल रही है? ऐसा संतप्त सवाल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से किया. कुछ दिनों पूर्व राष्ट्रवादी कांगे्रस अध्यक्ष शरद पवार को अपने घर पर ही कोरोना वैक्सीन दी गई थी. किंतु उच्च न्यायालय ने उनके नाम का उल्लेख न करते हुए राज्य सरकार की खिंचाई की और इस प्रकार की गलती आगे न हो इसके लिए कार्रवाई करने का इशारा राज्य सरकार को दिया.
75 वर्ष से अधिक जेष्ठ नागरिकों व गंभीर रुप से बीमार तथा विकलांगों को टीकाकरण केंद्र पर जाकर वैक्सीन लेना संभव नहीं है. जिसमें उन्हें घर पर ही वैक्सीन दी जाए ऐसी मांग की जाने वाली याचिका एड. धुती कापडिया व कुणाल तिवारी ने उच्च न्यायालय में दाखिल की थी. जिस पर मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायाधीश गिरीश कुलकर्णी की संयुक्त खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. केंद्र सरकार के वकील ने न्यायालय को कहा कि घर-घर जाकर वैक्सीन देने की सुविधा फिलहाल उपलब्ध नहीं है. जब सरकार के पास यह सुविधा उपलब्ध नहीं है तो फिर महाराष्ट्र के राजकीय नेताओं को उनके घर जाकर वैक्सीन कैसे दी गई. ऐसा सवाल उच्च न्यायालय द्बारा किया गया. मुख्य न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने कहा कि, सभी के लिए एक समान कानून होना चाहिए.

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