कितने किसानों को समय पर दी गई कपास की रकम?
कॉटन कार्पोरेशन ऑफ इंडिया से कोर्ट ने किया सवाल
* ग्राहक पंचायत ने दायर की थी जनहित याचिका
* 19 जून को अगली सुनवाई
नागपुर/दि.9-कपास खरीदी करने के बाद सात दिन के अंदर किसानों को उनकी रकम देने का नियम है. लेकिन सरकार इसमें देरी कर रही है, ऐसा दावा मुंबई उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में किया गया. जिस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार के कॉटन कार्पोरेशन ऑफ इंडिया और पणन महासंघ को 6 सप्ताह में जवाब देने के आदेश दिए है. अब तक कितने किसानों को समय पर कपास की रकम दी गई? तथा यदि इसमें विलंब हुआ है तो क्यों हुआ? इस बारे में विस्तृत जानकारी पेश करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए है.
कृषि माल को मिलने वाले मूल्य संबंध में ग्राहक पंचायत के श्रीराम सातपुते ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. इस पर बुधवार को न्यायाधीश नितिन सांबरे और न्यायाधीश अभय मंत्री के बेंच के समक्ष सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि, किसानों को कपास खरीदी करने के बाद नियमानुसार रकम नहीं दी जाती. इस पर केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि, सभी किसानों को नियमानुसार पैसे दिए जा रहे है. इसलिए इस पर कोर्ट ने पैसे दिए गए किसानों की आंकडेवारी प्रस्तुत करने के आदेश दिए. इसके अलावा किसानों के खाते में पैसे जमा करने में कुछ कारणवश विलंब हो रहा हो तो इस बारे में साफतौर पर जानकारी देने की सूचना दी है. इस मामले पर आगे की सुनवाई 19 जून को होगी. याचिकाकर्ता की ओर से स्वयं श्रीराम सातपुते तथा केंद्र सरकार की ओर से एड.नंदेश देशपांडे ने पक्ष रखा.