महाराष्ट्र

कोरोना की तीसरी लहर से छोटे बच्चों को कैसे बचाएं?

सीएम उद्धव ठाकरे ने टास्क फोर्स के साथ की बैठक

मुंबई/दि.२३ –  कोरोना वायरस (Corona Virus) की तीसरी लहर से छोटे बच्चों को कैसे बचाया जाए? इस सवाल को केंद्र में रखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने रविवार को राज्य के टास्क फोर्स से संवाद साधा. टेलिकॉन्फ्रेंसिंग के माध्म से साधे गए इस संवाद में बालरोग विशेषज्ञों और डॉक्टरों की टीम से बात करते हुए सीएम ने कहा कि कोरोना की पहली लहर वरिष्ठ नागरिकों पर आई. दूसरी लहर पर हमारा अनुभव यह रहा कि इसने युवाओं और मध्यम उम्र के नागरिकों पर अपना असर डाला. अब जो वर्ग बच गया है वो बच्चों का है और उस पर तीसरी लहर का असर होने की संभावना जताई जा रही है. इस पर खास तौर से बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई की सबसे ज्यादा तैयारी महाराष्ट्र ने की है. तीसरी लहर में बच्चों पर होने वाले असर की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बाल रोग विशेषज्ञों की टास्क फोर्स तैयार की है. डॉ. सुहास प्रभु इसके अध्यक्ष हैं और डॉ. विजय येवले, डॉ. परमानंद आंदणकर जैसे विशेषज्ञ इसके सदस्य हैं.

  • ‘कोरोना के खिलाफ लड़ाई की सबसे बढ़िया तैयारी‘

कोरोना के खिलाफ तैयारियों के संदर्भ में बात करते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे इस बात की संतुष्टि है कि पिछले साल इन्हीं दिनों में कोरोना ने अपना असर दिखाना शुरू किया था. शायद देश में महाराष्ट्र वो पहला राज्य है जिसने इससे निपटने के लिए तैयारी सबसे पहले शुरू की. अस्पताल कम पड़ सकते हैं, बेड्स कम पड़ सकते हैं, इन बातों को ध्यान में रखते हुए हमने जम्बो कोविड केंद्र बनाए, विशेषज्ञों का टास्क फोर्स बनाया. कोरोना के खिलाफ लड़ाई की सबसे ज्यादा तैयारी महाराष्ट्र में हुई.

  • ‘कठोर निर्णय लेने की मेरी तैयारी है’

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह कहा कि कोरोना का कहर जब ऊंचाई पर पहुंचा तो देश भर में दहशत का वातावरण था. मैंने राज्य के हित में लॉकडाउन का निर्णय लिया और मैंने बार-बार कहा है कि कड़वी घूंट पीने की मेरी हर वक्त तैयारी है. नागरिकों ने भी उस निर्णय पर अपना पूरा सहयोग दिया. इसलिए आज कोरोना राज्य में नियंत्रित हो पाया है. भले ही पूरी तरह से कोरोना खत्म नहीं हुआ है, लेकिन जो नियंत्रण में आया है, उसका पूरा श्रेय डॉक्टरों का है.

  • ‘महाराष्ट्र को ऑक्सीजन के संबंध में आत्मनिर्भर बनाना है’

मुख्यमंत्री ने राज्य की तैयारियों को लेकर एक तरह से नागरिकों को आश्वस्त करते हुए यह नसीहत दी कि घबराने की जरूरत नहीं है, सतर्क और तैयार रहने की ज़रूरत है. क्योंकि कोरोना का खतरा टला नहीं है. हमारी कोशिश है कि तीसरी लहर ना आए. दूसरी लहर में हमें ऑक्सीजन की कमी का पता लगा. आगे यह कमी का संकट ना आए, इसकी कोशिश शुरू है. आने वाले कुछ दिनों में मुझे महाराष्ट्र को ऑक्सीजन के संबंध में आत्मनिर्भर बनाना है.

  • ‘सप्लाई ना होने से 18-44 उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन रुका’

राज्य में चल रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अपनी राय रखी. सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि 18 से 44 साल की उम्र के लोगों के लिए वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी राज्यों पर सौंप दी गई है. महाविकास आघाडी सरकार की छह करोड़ नागरिकों के लिए दो डोज के हिसाब से 12 करोड़ डोज एक साथ खरीदने की तैयारी है. लेकिन दुर्भाग्य से अब तक वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पाई है. इस वजह से 18 से 44 की उम्र के लोगों के लिए वैक्सीनेशन को कुछ दिनों के लिए स्थगित करना पड़ा. आगे उन्होंने कहा कि अभी भी 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कौन सा वैक्सीन आगे दिया जाना है, इस पर स्पष्टता नहीं हो पाई है. कुछ ठिकानों में ट्रायल शुरू है. जब केंद्र से इस विषय में कोई सूचना आएगी तो हम वैक्सीनेशन को पूरी गति से आगे बढ़ाएंगे. फिलहाल मैं सभी नागरिकों को यह आश्वस्त करता हूं कि चिंता की स्थिति तो है, फिर भी घबराने का कारण नहीं है. घबराएं नहीं, हमारी तैयारी पूरी है. सिर्फ क्या करना है? क्या नहीं करना है? इस संबंध में विशेषज्ञों और डॉक्टरों की ओर से आने वाली सलाह और सूचनाओं का सही तरह से पालन करें.

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