मुंबई /दि.4 – राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोगों के बैंक में खाते भी नहीं है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों व किसानो से फॉस्टेग पर अमल करने की बात कही जा रही है. जिसमें उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी. जिसकों लेकर उच्च न्यायालय ने 10 मार्च तक सडक यातायात व महामार्ग मंत्रालय तथा राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण याचिका पर जवाब देने के निर्देश दिए.
फॉस्टेग का इस्तेमाल न करने पर टोल नाके पर डबल रकम वसूल दंड के रुप में की जाती है. इस संदर्भ में संबंधित कानून में किसी भी प्रकार का प्रावधान नहीं है. ऐसी पैरवी याचिकाकर्ता की ओर से एड. उदय वरांजीकर ने की थी. जिसमें उच्च न्यायालय ने प्राधिकरण से 10 मार्च तक जवाब देने के आदेश दिए.