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कक्षा ११वीं के एडमिशन का मामला
मुंबई./दि.२५ – जुनियर कॉलेज के एडमिशन शुरु करने को लेकर लिये जाने वाले फैसले में हो रहे देरी के चलते मुंबई उच्च न्यायालय ने अप्रसन्नता जाहीर की है. अदालत ने कहा कि सत्र खत्म होने के लिए अब केवल पांच महीने का ही समयावधि शेष रहा है, इतने कम समय में पढाई कैसे पूरी होगी, ऐसा सवाल करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को इस विषय में दायर याचिका पर हलफनामा दायर करने के निर्देश भी दिये है. एड. विशाल स्नसेना व्दारा दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने यह निर्देश दिये है. अदालत में दायर याचिका में मांग की गई है कि कक्षा ११वीं के एडमिशन को लेकर सरकार को ठोस रणनीति व योजना बनाने का निर्देश दिया जाए, कई महीने बीत चुके है लेकिन अब तक एडमिशन को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. जिसके कारण विद्यार्थियों का समय बर्बाद हो रहा है, सुप्रीम कोर्ट व्दारा मराठा आरक्षण पर पाबंदी होने के कारण राज्य सरकार प्रवेश को लेकर कोई कदम नहीं उठा रही है, जिसके चलते लाखों छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित है. मुख्य न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि सरकार एडमिशन शुरु करने की दिशा पहल करने की तैयारी में है. सरकार को याचिका पर जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समयावधि दिया जाए. इस बात पर खंडपीठ ने कहा है कि यह याचिका पिछले माह दायर की गई थी. जल्द ही हम दिसंबर महीने में पहूंचने वाले हैं. आधे से ज्यादा शैक्षणिक सत्र बीत गया है और विद्यार्थियों का समय नष्ट हो रहा है, यह याचिकाकर्ता के लिए चिंता का विषय है. अब केवल ५ महीने ही शेष बचे है, ऐसे में छात्रों की पढाई कैसे पूरी होगी.