युवाओं को देखकर ही मैं जिंदा हूं- नाना पाटेकर
पुणे/दि.14 – आज की युवा पीढ़ी को गैर जिम्मेदार कहा जाता है, लेकिन उनके अलावा जिम्मेदार व सहज मुझे कोई नहीं दिखाई देता. युवाओं की ओर देखकर ही मैं जिंदा हूं, ऐसा विचार अभिनेता नाना पाटेकर ने व्यक्त किया.
कोरोना के बढते प्रादुर्भाव के कारण राज्य में लॉकडाउन जारी करना या नहीं, इस पर विचार विनिमय करते वक्त अभिनेता नाना पाटेकर ने अपने विचार व्यक्त किये. किसी भी सरकार को लॉकडाउन का निर्णय लेते वक्त खुशी महसूस होती होगी क्या? मैं कोई भी पार्टी का नहीं, लेकिन जब हमें मौत को टालना हो, तो यह जरुरी है, ऐसा भी नाना पाटेकर ने कहा.
सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ के राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग, नाम फाउंडेशन, शिवम प्रतिष्ठान, निर्मला गजानन फाउंडेशन और प्रादेशिक रक्तपेढी ससून अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान से रक्तदान महाअभियान शिविर का आयोजन किया गया. जिसकी शुरुआत विद्यापीठ के क्रीडा संकुल में नाना पाटेकर की उपस्थिति में की गर्ई, इस समयवे बोल रहे थे.
इस अवसर पर डॉ. करमलकर ने कहा कि कोरोना काल मेें रक्त की कमी महसूस हो रही है, ऐसे में विद्यापीठ की ओर से सामाजिक दायित्व निभाने का एक छोटा प्रयास है. इस समय रक्तदान करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र दिये गए. सोमवार की दोपहर 2 बजे तक 125 विद्यार्थी, प्राध्यापक तथा कर्मचारियों ने रक्तदान किया.