महाराष्ट्र

मैें किसी से नाराज नहीं, गलत खबरें न फैलाये

 पंकजा मुंडे ने लगाया चर्चाओं पर पूर्ण विराम

मुंबई/दि.9 – भाजपा के कद्दावर नेता रहे स्व. गोपीनाथ मुंडे की बेटी व सांसद प्रीतम मुंडे को केंद्रीय मंत्री पद नहीं दिये जाने की वजह से प्रीतम एवं पंकजा मुंडे काफी नाराज है. इसे लेकर विगत दो दिनों से जबर्दस्त चर्चाएं चल रही थी. जिस पर पूर्ण विराम लगाते हुए राज्य की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने एक पत्रकार परिषद लेते हुए कहा कि, वे और प्रीतम मुंडे किसी पर नाराज नहीं है. ऐसे में उनके नाराज रहने को लेकर गलत खबरें फैलाई जा रही है.
इस पत्रकार परिषद में पंकजा मुंडे ने यह स्वीकार किया कि, प्रीतम मुंडे के नाम की चर्चा मंत्रिमंडल विस्तार के समय हो रही थी, जो पूरी तरह से योग्य भी थी, क्योंकि महाराष्ट्र अथवा दिल्ली में कोई भी पद दिये जाते समय मुंडे परिवार के नाम की चर्चा होती ही है. किंतु हमने अपनी ओर से कोई मांग या अपेक्षा नहीं की थी, ऐसे में हमारे नाराज होेने का सवाल ही नहीं उठता. पंकजा मुंडे के मुताबिक भाजपा में निर्णय लेने की अपनी एक अलग प्रक्रिया है. जिसके मुताबिक ही निर्णय लिये जाते है, जिसके तहत योग्य व सक्षम लोगों के साथ ही नये चेहरों को भी अवसर दिया जाता है. ऐसे में इस निर्णय प्रक्रिया को लेकर किसी तरह की कोई नाराजगी रखने का सवाल ही नहीं उठता.
इस समय जब उनसे यह पूछा गया कि, आप ने नये मंत्रियों का अभिनंदन क्यों नहीं किया, तो उन्होेंने बताया कि, परसों केवल संभावित मंत्रियों के नामों की चर्चा चल रही थी और कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आ रही थी. इस वजह से उन्होेंने किसी का अभिनंदन नहीं किया था, किंतु अब केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो गई है. ऐसे में अब वे केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल सभी नये मंत्रियों, विशेषकर महाराष्ट्र से केंद्रीय मंत्री बननेवाले नेताओं का अभिनंदन करती है. साथ ही उन्होंने भारती पवार व कपिल पाटील को खुद फोन करते हुए बधाई दी थी. इसके अलावा भागवत कराड ने उन्हें रात 12.30 बजे फोन करते हुए बताया था कि, उन्हेें दिल्ली से बुलावा आया है और वे दिल्ली जा रहे है. इसके साथ ही पंकजा मुंडे ने यह भी कहा कि, भाजपा में टीम नरेंद्र व टीम देवेेंद्र जैसा कोई फर्क नहीं है और पार्टी का नेता किसी जाती विशेष का नहीं, बल्कि अपने सभी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों का नेता होता है. ऐसे में हमें पार्टी नेतृत्व के हर फैसले को समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते स्वीकार करना चाहिए.

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