महाराष्ट्र

मेरे पास भी दस सालों तक कृषि मंत्रालय था, किसानों द्वारा उपज फेंकने की नौबत नहीं आई

शरद पवार का मोदी सरकार पर वार

मुंबई/दि. 5- सही दाम नहीं मिल पाने के कारण किसानों द्वारा उपज फेंक दिए जाने की कुछ घटनाएं सामने आई हैं. इस बात को लेकर पूर्व कृषि मंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार  ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. शरद पवार ने कहा है कि जब उनके पास कृषि विभाग था तो वे किसानों को उनकी उपज का सही भाव दिया करते थे. लेकिन अब किसानों पर केंद्र सरकार का ध्यान नहीं है.शरद पवार महाराष्ट्र के जुन्नर में किसानों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे. इस सभा में महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील  भी मौजूद थे. शरद पवार ने इस सभा में पूर्व विधायक स्वर्गीय शिवाजीराव महादेव और दादासाहब काले की प्रतिमा का अनावरण किया और किसानों के मुद्दे पर अपनी राय जाहिर की.इस मौके पर शरद पवार ने कहा, ” किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है. ऐसे में किसान अपनी उपज फेंक देने के लिए मज़बूर हो रहे हैं. प्याज का भाव नहीं मिल रहा है. अन्य उपजों का भी यही हाल है. मेरे पास दस सालों तक कृषि मंत्रालय था. मैं किसानों को उनकी उपज का सही दाम देने के लिए प्रतिबद्ध रहा, कटिबद्ध रहा. किसान देशवासियों का पेट भरते हैं. इतना ही नहीं, वे दुनिया भर की अनाज की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. किसानों ने यह कर दिखाया है. ” इसके बाद शरद पवार ने अपने कामों की तुलना केंद्र सरकार से की. उन्होंने कहा, ” दुर्भाग्य से केंद्र सरकार द्वारा उतना ध्यान नहीं दिया जा रहा है जितना इस मामले में ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है. यही वजह है किसानों की उपज का भाव गिर रहा है.” यह आरोप लगाते हुए शरद पवार ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा. हालांकि शरद पवार यह भूल गए कि किसान उनसे इतने ज्यादा खुश थे तो उनके कृषि मंत्री रहते किसानों की आत्महत्या करने की घटनाएं क्यों बढ़ गई थीं? राज्य में महाविकास आघाडी सरकार के वे आर्किटेक्ट हैं. किसानों की कर्ज माफ़ी का क्या हुआ? बाढ़ ग्रस्त किसानों तक राज्य सरकार की मदद कब तक पहुंचेगी? इस बार की बाढ़ का तो छोड़ दें, पिछले साल जो राज्य में तूफान आया था, उससे किसानों का जो नुकसान हुआ था, क्या उसकी भरपाई हो गई?

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