महाराष्ट्र

इलाज के अभाव में मृत्यु हुई, तो करेंगे कार्रवाई

डॉ. ओम प्रकाश शेटे ने कहा

* आयुष्यमान भारत योजना से जुडे अस्पतालों को दी चेतावनी
नाशिक/दि. 11– पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में एक गर्भवती महिला की इलाज के अभाव में मृत्यु होने के बाद राज्य सरकार ने राज्य के 2, 031 अस्पतालों को चेताया है. राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा कि अगर धन राशि के लिए मरीजों को इलाज से वंचित रखा गया तो अस्पताल के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे. आयुष्यमान भारत मिशन महाराष्ट्र समिति अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शेटे ने बताया कि अस्पतालों में मरीजों के साथ लूट- खसोट करने की प्रवृत्ति बढ रही है. इसीलिए आयुष्यमान भारत योजना से जुडे अस्पतालों को चेतावनी दी गई है कि इलाज के अभाव में एक भी आम नागरिक की मौत बर्दाश्त नहीं की जायेगी.

* अस्पतालों को बना लिया पैसे कमाने का माध्यम
डॉ. शेटे ने बताया कि राज्य के अनेक अस्पतालों में मरीजों की बेहतर सेवा हो रही है. लेकिन यह भी सच्चाई है कि इलाज के नाम पर अस्पतालों को कई लोगों ने पैसे कमाने का माध्यम बना लिया है. इससे सामाजिक संतुलन बिगड रहा है. मरीजों का आर्थिक शोषण हो रहा है. कई बार आयुष्यमान योजना अंतर्गत पंजीकृत अस्पतालों में गंभीर रूप से बीमार मरीज को दाखिल करते समय उनकी असहायता दुरूपयोग करते हुए उनके पास से अर्जी लिखाई जाती है कि उन्हें योजना के लाभ की आवश्कता नहीं है. इससे वैद्यकीय क्षेत्र पर कालिख पुत रही है.

बिना कागज मांगे हो इलाज
आयुष्यमान भारत मिशन समिति के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. शेटे ने बताया कि ‘स्व. बालासाहब ठाकरे दुर्घटना बीमा योजना ’ राज्य स्वास्थ्य गारंटी सोसायटी अर्थात आयुष्यमान योजना के माध्यम से नियंत्रित होती है. दुर्घटना में घायल होने पर मरीज से बिना धनराशि वसूले. तत्काल इलाज करने की जिम्मेदारी अस्पताल की है. इस योजना के अंतर्गत इलाज के लिए मरीज से किसी प्रकार के दस्तावेज तत्काल मांगने की आवश्यकता नहीं है. इलाज के बाद केवल दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का एक फोटो व एफआईआर की कॉपी जमा करने पर भी अस्पताल को निधि उपलब्ध करवाई जाती है. इसीलिए अस्पतालों को मरीज के इलाज पर ध्यान केन्द्रित करना जरूरी है.

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