
* कीटकनाशक बीज विक्रेताओं का बंद स्थगित
मुंबई /दि.3– किसी भी स्वरुप में रासायनिक खाद के साथ लिंकिंग न करें. लिंकिंग की बात प्रकाश मेंआते ही तत्काल फौजदारी कार्रवाई करने की हिदायत कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने खाद कंपनियों को दी है. खाद उत्पादक कंपनियों के प्रतिनिधियों ने आगे से किसी भी तरह की लिंकिंग न करने का आश्वासन विक्रेताओं की संगठना को और सरकार के प्रतिनिधियों को दिया है. इश कारण महाराष्ट्र खाद, कीटकनाशक, बीज विक्रेता संगठना द्वारा खाद खरीदी बंद आंदोलन स्थगित करने की घोषणाकी है.
हर वर्ष खरीफ और रबी सत्र में खाद कंपनियों की तरफ से खाद की लिंकिंग की जाती है. इसका असर किसानों को होता है. किसान और सरकार के रोष का विक्रेताओं को सामना करना पडता है. इस कारण इस बार अनुदानित खाद उत्पादक कंपनियों की लिंकिंग नीति के विरोध में थोक व खुदरा खाद बिक्री करने वाले राज्य के सभी विक्रेताओं की माफदा संगठना द्वारा खाद खरीदी बंद आंदोलन शुरू किया गया था. इस पृष्ठभूबमि पर सह्याद्री अतिथिगृह में बैठक ली गई. इस बैठक में कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, कृषि विभाग के प्रधान सचिव विकासचंद्र रस्तोगी, कृषि संचालक सुनील बोरकर, खाद आपूर्तिकर्ता, उत्पादक कंपनी और माफदा संगठना के सदस्य सहित कृषि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे. खाद की लिंकिंग के विरोध में माफदा संगठना ने ली भूमिका का कृषिमंत्री ने स्वागत किया. खाद विक्रेता लिंकिंग का कोई खाद खरीदी न करें, खरीदी की सख्ती हुई तो कृषि विभाग के पास शिकायत करें, तहसील और जिलास्तर पर इस बाबत सख्ती से कृषि विभाग द्वारा जायजा किया जाए, उशके बाद भी खाद कंनी द्वारा लिंकिंग करने पर सीधे फौजदारी कार्रवाई करने की सूचना कृषिमंत्री ने दी.
माफदा संगठना की तरफ से अध्यक्ष विनोद तराल पाटिल और सचिव बिपीन कासलीवाल ने अपनी संगठना का कहना रखा. खाद उत्पादक कंपनियां यूरिया, डीएपी जैसी अनुदानित व मांग वाले खाद के साथ मिश्र खाद, जैविक खाद, सेंद्रीय खाद के साथ कीटकनाशक की भारी मात्रा में लिंकिंग कर विक्रेताओं को लेने मजबूर करती है. ऐसे खाद की मांग किसानों की तरफ से न होने के कारण वह दुकानदारो के पास पडी रहती है.परिणाम स्वरुप विक्रेता किसानों की इच्छा न रहने के बावजूद लिंकिंग कर खरीदी करने के लिए दबाव डालते है. इश समस्या पर उपाय के रुप में संगठना द्वारा खरीफ सत्र के शुरूआत से ही खाद खरीदी बंद आंदोलन शुरू करने की बात प्रखाश मेंला दी थी. यदि खुदरा खाद विक्रेता यदि किसानों को फिजुल खाद की बिक्री लिंकिंग के जरिए करते होंगे तो उस पर भी कार्रवाई कररने के लिए संगठना तैयार रहेंगी. लेकिन किसी भी परिस्थिति में कंपनी द्वारा लिंकिंग में खाद आपूर्ति होती होगी तो उस पर शासन द्वारा कडी भूमिका लेने की मांग की गई. खाद उत्पादक कंपनी के प्रतिनिधि तथा फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया उत्पादक संगठना के सचिव डी. पामाकृष्ण व महाराष्ट्र शाखा के प्रतिनिधि सुरेश शेटे ने खाद उत्पादक कंपनियों का पक्ष रखा. अनुदानित खाद में कंपनियों को घाटा सहन करना पडता है, इसी तरह जमीन की उपज क्षमता आवश्यक रखने के लिएसेंद्रीय खाद, जैवीक खाद, नैनो खाद का इस्तेमाल करने का केंद्र शासन के नियम रहने की बात प्रकाश मेंलाकर देने का प्रयास किया. कृषि मंत्री ने किस स्वरुप में खाद का लिंकिंग बर्दाश्त न करने की बात करते हुए खाद कंपनियों को कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.
* संगठना की भूमिका किसान हितकी
खाद की लिंकिंग के विरोध में माफदा संगठना द्वारा ली गई भूमिका किसान हित की है. खाद कंपनी द्वारा किसी भी तरह के खाद की लिंकिंग न करने के आदेश दिए है. इसके बावजूद लिंकिंग हुई तो सीधे फौजदारी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए है.
माणिकराव कोकाटे, कृषिमंत्री.