महाराष्ट्र

शरद पवार ने उसी वक्त ओबीसी में लिया होता तो यह विवाद न रहता

विधायक बच्चू कडू का बडा आरोप

मुंबई/दि.11– शरद पवार मुख्यमंत्री रहते 52 ओबीसी की जाति निर्माण की गई थी. तभी उन्होंने मराठाओं को ओबीसी में लिया होता तो यह विवाद न रहता. तब पवार साहब ने ओबीसी का हित देखा. जब जनगणना हुई तब ओबीसी में मराठाओं को लिया था, ऐसा दावा पूर्व मंत्री विधायक बच्चू कडू ने किया है. कडू के दावे के कारण अब चर्चा जोर पकडने लगी है. पत्रकारो से बातचीत करते हुए उन्होंने यह दावा किया.

बच्चू कडू ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने ओबीसी आरक्षण का कोटा बढ़ाया चाहिए. मराठा यह ओबीसी में ही है. उन्हें इसका लाभ देना चाहिए. ओबीसी नेताओं ने मराठा आरक्षण का विरोध किया. इसकी बजाए आरक्षण कैसे बढ़ेंगा इस बाबत विचार करना चाहिए. आरक्षण की आग फैल गई है. उसमें सभी लोग अपनी रोटी सेंक रहे है. वह रोटी समाज को नहीं मिलेंगी. यह लोग खुद उसे खा लेंगे, ऐसा भी कडू ने कहा.

* वडेट्टीवार को चुनौती
बच्चू कडू ने कहा कि मराठा यह कुणबी नहीं तो कौन है यह वडेट्टीवार बताए. विदर्भ के मराठा कुणबी चलते है. फिर मराठवाडा के क्यों नहीं चलते? 50 मराठा युवाओं ने आत्महत्या की. यह अभिमान की बात नहीं है. आपको ओबीसी नेता होना हो तो होईये. और भी कोई कार्यक्रम करना हो तो करिए. लेकिन मराठाओं के आरक्षण की आड न ले, ऐसा कते हुए फर्जी पंजीयन हो रहा है, ऐसा कुछ लोग आरोप कर रहे है. लेकिन वह सबकुछ हस्तलिखित है. फर्जीवाडे का प्रश्न ही का आता है? ऐसा सवाल भी उन्होंने किया.

* वह ओबीसी ही है
24 तारीख तक शिंदे समिति द्वारा रिपोर्ट दी जानी है. पुणे में 75 प्रतिशत पंजीयन मिले है. यह बडी बात है. कुणबी का पंजीयन मिलता रहने से मराठा समाज का आरक्षण का प्रश्न हल हो सकता है. उन्हें बडी राहत मिल सकती है. ऐसा बताते हुए मराठा के रुप में अलग आरक्षण मिलेगा नहीं, वें ओबीसी ही है, ऐसा दावा भी कडू ने किया.

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