महाराष्ट्र

तहसीलदार काम नहीं करेगा, तो कान के नीचे मारुंगा

विधायक बच्चू कडू ने संभागीय आयुक्त को दी चेतावनी

जालना/दि.19– मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई की ओर कुछ करने हेतु तैयार मनोज जरांगे पाटिल को रोकने राज्य सरकार के प्रतिनिधि मंडल ने गत रोज उनसे अंतरवाली सराटी गांव जाकर मुलाकात की. इस समय मनोज जरांगे ने सरकारी प्रतिनिधि मंडल के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करते हुए बताया कि, सरकारी दस्तावेजों में कुणबी के तौर पर जानकारी दर्ज रहने के बावजूद भी सरकार एवं प्रशासन द्वारा मराठा समाज बंधुओं को कुणबी प्रमाणपत्र नहीं दिये जा रहे. यह शिकायत सुनते हुए सरकारी प्रतिनिधि मंडल में शामिल रहने वाले विधायक बच्चू कडू अच्छे खासे संतप्त हो गये और उन्होंने सीधे छत्रपति संभाजी नगर के संभागीय आयुक्त मधुकरराजे आर्दड को फोन लगाकर पूछा कि, क्या जिलाधीश नींद में है. साथ ही यह चेतावनी भी दी कि, अगर तहसीलदार द्वारा काम नहीं किया जाएगा, तो ऐसे तहसीलदारों के कान के नीचे लगाई जाएंगी.

बता दें कि, विधायक बच्चू कडू तथा सीएम एकनाथ शिंदे के विशेष कार्यकारी अधिकारी मंगेश चिवटे ने गत रोज अंतरवाली सराटी गांव जाकर मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन खडा करने वाले मनोज जरांगे पाटिल से चर्चा की और उन्हें बताया कि, जिन मराठाओं के सरकारी दस्तावेजों में कुणबी संबंधित अभिलेख मिल गये है. उन्हें कुणबी प्रमाणपत्र देने के लिए सरकार तैयार है. चूंकि सरकार आपकी सभी मांगों को पूरा कर रही है अत: अब आंदोलन करने और मुंबई में मोर्चा लेकर पहुंचने की आवश्यकता नहीं है. सरकारी प्रतिनिधि मंडल के इस कथन का जवाब देते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि, यद्यपि सरकार ने आदेश जारी किया है. लेकिन प्रशासकीय अधिकारियों द्वारा सरकारी के आदेश को बेहद हल्के में लिया जा रहा है तथा 7 हजार गांवों में कुणबी संबंधित जानकारियों व दस्तावेजों को जांच ही नहीं गया. इसके अलावा जिन लोगों के कुणबी संबंधित दस्तावेज मिल चुके है, उन्हें भी सरकार की ओर से प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा. इस समय मनोज जरांगे ने यह भी बताया कि, जिस गांव में कुणबी संबंधित अभिलेख प्राप्त हुए है. उस गांव में ग्रामपंचायत कार्यालय पर सूची लगाने का आदेश जारी किया गया था. परंतु गांवस्तर पर इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो रही.

यह मामला सामने आते ही विधायक बच्चू कडू बेहद संतप्त हो गये. साथ ही अंबड तहसील के वडीकाल्या गांव में कुणबी संबंधित दस्तावेज पाये जाने के बावजूद ग्रापं कार्यालय पर सूची नहीं लगाये जाने की बात ध्यान में आते ही विधायक बच्चू कडू ने सीधे संभागीय आयुक्त को फोन लगाया और उन्हें जमकर आडे हाथ लिया. विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, क्या जालना जिले के जिलाधीश नींद में है और यहां पर तहसीलदार काम क्या नहीं कर रहे. साथ ही विधायक बच्चू कडू ने यह चेतावनी भी दी कि, अगर काम बराबर नहीं हुआ, तो लापरवाह व कामचोर तहसीलदारों के कान के नीचे मारने से भी वे आगे-पीछे नहीं सोचेंगे.

* हमें यहां मरने के लिए भेजा है क्या?
मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन में शुरुआत से ही सरकार एवं आंदोलनकारियों के बीच समन्वयक की भूमिका निभा रहे विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, हम यहां इस मामले को सुलझाने के लिए दिन-रात जी-जान जुटाकर काम कर रहे है और अब तक जालना जिले के कई बार दौरे पर आ चुके है, वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा पत्र जारी किये जाने के बावजूद भी जिलाधीश, एसडीओ व तहसीलदार काम नहीं कर रहे. ऐसे में क्या हमें मरने के लिए यहां पर भेजा जा रहा है. इस सवाल के साथ ही विधायक बच्चू कडू ने संभागीय आयुक्त को जमकर खडे बोल सुनाए और बताया कि, 75 फीसद गांवों में अब तक कुणबी प्रमाणपत्र हेतु पात्र लाभार्थियों के नामों की सूची नहीं लगी है.

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