महाराष्ट्र

छह जून तक मांगे नहीं मानी तो होगा आंदोलन

राज्यसभा सांसद संभाजी राजे की चेतावनी

मुंबई/दि.२९ – सुप्रिम कोर्ट के मराठा आरक्षण रद्द करने के फैसले के बाद अब राज्यसभा सांसद छत्रपति संभाजी राजे ने प्रदेश सरकार से मराठा समाज के लिए 5 प्रमुख मांगों को मंजूर करने की मांग की है. संभाजी राजे ने कहा कि यदि सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्यभिषेक दिवस 6 जून तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया तो रायगढ पर राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा की जाएगी. संभाजी राजे ने कहा कि यदि सरकार ने 6 जून से पहले हमें मराठा समाज की मांगों को लेकर फैसला लेने के लिए नहीं बुलाया तो मैं कोरोना महामारी के बावजूद आंदोलन का नेतृत्व करुंगा. मैं मराठा समाज के लोगों को नहीं बल्कि सभी विधायकों और सांसदों को लेकर आंदोलन में उतरुंगा.
शुक्रवार को संभाजी राजे ने मुख्मंत्री उद्धव ठाकरे, पीडब्लूडी मंत्री तथा मराठा आरक्षण उपसमिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण, विधान परिषद में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात की. इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में संभाजी राजे ने कहा कि मैंने सत्तारुढ और विपक्ष के नेताओं के सामने मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए तीन विकल्प रखे है.

  • 9 अगस्त को दिल्ली में सम्मेलन

संभाजी राजे ने कहा कि सरकार मराठा समाज के लिए ठोस कदम उठाए नहीं तो कह दे कि मराठा समाज का वोट नहीं चाहिए. फिर हम देखेंगे कि क्या करना है? संभाजी राजे ने कहा कि 9 अगस्त को दिल्ली में गोलमेज परिषद का आयोजन होगा. इसमें मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता और सांसदो को बुलाया जाएगा. एक सवाल के जवाब में संभाजी राजे ने कहा कि यदि बहुजन समाज की इच्छा होगी तो मैं राजनीतिक दल बनाने पर विचार करुंगा. लेकिन फिलहाल मराठा समाज को न्याय दिलाने के लिए प्रयास करना है. उन्होंने कहा कि यदि मेरे राज्यसभा के सदस्य पद से इस्तीफे से मराठा आरक्षण मिल रह होगा तो मैं तुरंत इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं.
ये है विकल्प
* राज्य सरकार मराठा आरक्षण के लिए पुर्नविचार याचिका दाखिल करें
* यदि पुर्नविचार याचिका खारिज हुई तो क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करें
* इसके अलावा राज्य सरकार संविधान के अनुच्छेद 342 (ए) के तहत राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को आरक्षण के लिए प्रस्ताव दे सकती है.
* मराठा समाज को ओबीसी कोटा में विशेष कोटा बनाकर आरक्षण दिया जा सकता है क्या है? यह बात राज्य सरकार और विपक्ष के नेता को स्पष्ट करना चाहिए.
प्रमुख मांगे
* मराठा समाज के मुद्दे पर चर्चा के लिए विधानमंडल का दो दिवसीय अधिवेशन बुलाया जाए.
* ओबीसी समाज के तर्ज पर मराठा समाज को शिक्षा में सहुलियते मिले.
* सरकार सारथी संस्था को एक हजार करोड रुपए निधि उपलब्ध कराए.
* मराठा समाज के विद्यार्थियों को हर जिले में छात्रावास स्थापित किया जाए.
* अण्णासाहब पाटिल आर्थिक विकास महामंडल की परियोजना की सीमा 25 लाख की जाए.
* सुप्रिम कोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य में 9 सितंबर 2020 से पहले सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा में पास हुए मराठा समाज के युवाओं को नियुक्ति दी जाए.
* मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए.

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