* मुख्य सचिव को शपथ पत्र दायर करने के आदेश
* देवीदास पवार की नियुक्ति बराबर नहीं
अमरावती/दि.27 – बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अमरावती महानगरपालिका के आयुक्त पद पर देवीदास पवार की नियुक्ति को अवैध ठहराने के बाद आज की सुनवाई पश्चात जारी आदेश में कहा कि, सरकार चाहे, तो 15 जून 2018 और 6 दिसंबर 2023 के भारत सरकार की अधिसूचनाओं के अनुसार पवार की नियुक्ति कायम रख सकती है अथवा उन्हें हटा भी सकती है. इस मामले मेें 5 जुलाई को अगली सुनवाई का आदेश न्या. अभय मंत्री और न्या. नितिन सांबरे की खंडपीठ ने आज सुनाया और मुख्य सचिव को 4 जुलाई तक शपथ पत्र दायर करने कहा.
* सुनील खराटे की गुहार
उल्लेखनीय है कि, शिवसेना जिला प्रमुख सुनील खराटे ने अमरावती मनपा आयुक्त देवीदास पवार की नियुक्ति के विरोध में अपने वकील एड. एन. आर. साबू के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. खराटे ने अमरावती महानगरपालिका के पुराने होने और यहां की आबादी तथा शासन के ही कानूनों का हवाला देकर पवार को आयुक्त बनाये जाने का विरोध किया था. उनका कहना था कि, अमरावती में किसी आईएएस अधिकारी को ही मनपा आयुक्त की जिम्मेदारी नियमानुसार दी जानी चाहिए. पवार के मामले में सरकार ने सरासर कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप खराटे ने याचिका में किया था.
* आईएएस अधिकारी होने चाहिए
न्या. सांबरे और न्या.अभय मंत्री की खंडपीठ ने माना कि, अमरावती मनपा में आईएएस अधिकारी की आयुक्त के रुप में नियुक्ति होनी चाहिए. भारतीय प्रशासनीक सेवा के अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान राज्य सरकार के ही कानूनों में होने का जिक्र खंडपीठ के आदेश में स्पष्ट किया गया है. फिर भी महाराष्ट्र राज्य प्रशासनिक सेवा के ए-श्रेणी के अधिकारी को अमरावती मनपा का आयुक्त बनाया गया. इसके लिए शासन के दो नोटिफिकेशन का हवाला दिया गया, यह अधिसूचनाएं 6 दिसंबर 2023 और 15 जून 2018 की है. खंडपीठ ने कहा कि, सरकार चाहे, तो मैट अर्थात महाराष्ट्र प्रशासनिक प्राधिकरण के आदेश की अनदेखी कर पवार के स्थान पर आईएएस अधिकारी की नियुक्ति कर सकती है.
* मुख्य सचिव को निर्देश
हाईकोर्ट ने राज्य शासन के शहरी विकास मंत्रालय के मुख्य सचिव को उसके आदेश के क्रियान्वयन के बारे में शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया है. इसके पहले उपसचिव के द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था. जबकि कोर्ट ने कहा कि, अमरावती मनपा ने उसे 6 नंबर का प्रतिवादी बनाने के बाद भी हलफनामा नहीं दिया. उसी प्रकार कोर्ट की नोटीस का भी कोई उत्तर नहीं दिया है. इसलिए अब मुख्य सचिव को ही इस बारे में कोर्ट द्वारा उठाए गये मुद्दों और दिये गये निर्देश के बारे में शपथ पत्र आगामी 4 जुलाई तक प्रस्तुत करना है. उल्लेखनीय है कि, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील एच. आर. धुमाले कोर्ट के सामने पेश हुए. वहीं मनपा की तरफ से एड. डी. एम. काले ने पक्ष रखा. प्रतिवादी नंबर-2 की तरफ से एड. नीरजा चौबे और एड. एन. एस. देशपांडे ने पक्ष रखा.