यदि बीज नकली रहे तो केवल छोटे दुकानदारों पर ही कार्रवाई क्यों?
कंपनियों पर कार्रवाई कब होगी? विधानसभा में मामला गूंजा
* कांग्रेस नेता बालासाहब थोरात ने कृषि मंत्री से किया सवाल
* खाद की लिंकिंग करनेवाली कंपनियों को नोटिस भेजने की कृषि मंत्री ने दी जानकारी
मुंबई दि.26– यदि बीज निर्मित कंपनी के बीज में ही दोष होगा और किसानों को परेशान होना पडे तो इसमें कंपनी को दोषी ठहराने की बजाए गांव के छोटे विक्रेताओं को दोषी मानने का क्या कारण? जिस तरह मेडिकल क्षेत्र में हम दवाएं निर्माता कंपनी पर कार्रवाई करते हैं मेडिकल विक्रेताओं पर नहीं. उसी तरह का यह मामला है. आप कृषि सेवा केंद्र संचालक पर ही मामले दर्ज करते हैं, ऐसा प्रश्न कांग्रेस विधिमंडल पार्टी के नेता बालासाहब थोरात ने उपस्थित किया.
बालासाहब थोरात ने खाद व बीज के विषय पर सरकार को आडे हाथों लिया. उन्होंने कहा कि खाद व बीज संबंधित कानून उनके कृषि मंत्री रहते हुआ. इस माध्यम से हम बीज की कीमत पर नियंत्रण कर पाए इस संदर्भ में अनेक कंपनियां न्यायालय में गई. सुप्रीम कोर्ट तक केसेस चले. लेकिन फिर भी राज्य सरकार का कानून टीका रहा. बीज का कानून यह केंद्र सरकार का रहने से हमें कुछ दुविधा आती है. सरकार ने यदी कोई मार्ग निकाला होगा तो हमें खुशी है. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की लाइसेंसधारक कंपनियों के बीज खराब निकलते है और कृृषि सेवा केंद्र संचालकों को दोषी मानते है और उन्हें आरोपी करते हैैं, यह कितना उचित है?
थोरात ने कृषि मंत्री से पूछा कि उन्होंने अधिवेशन के पहले सप्ताह में खाद की लिंकिंग को लेकर सवाल पूछा था उस पर कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया गया था. इस संबंध में कौनसी कंपनियां खाद की लिंकिंग करती है, इस बाबत सूची भी दी थी. खाद की लिंकिंग का विषय राज्यस्तर पर गंभीर हुआ है. संबंधितों पर कार्रवाई की गई क्या ऐसा? ऐसा सवाल भी थोरात ने उपस्थित किया. तब कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि आपने जो बात सभागृह के प्रकाश में ला दी थी और खाद की लिंकिंग करने वाली जो कंपनियां है, उन कंपनियों को नोटिस भेजी गई है. दोषी पाए जाने पर उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी. साथ ही खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए राज्यस्तर पर एक डेशबोर्ड विकसित किया जा रहा है. इसके माध्यम से किसानों को किसी भी दुकान में हर तरह के बीज का माल उपलब्ध है इस बाबत जानकारी मिलेगी.