अमरावतीमहाराष्ट्र

ध्वनी प्रदूषण नियमों की अनदेखी

शांतता क्षेत्र में भी कर्णकर्कश हॉर्न का शोध

अमरावती /दि. 4– शहर में जनसंख्या के साथ-साथ वाहनों की संख्या भी बडी तेजी के साथ बढ रही है और वाहनों की बढती संख्या शहरवासियों के लिए सिरदर्द भी साबित हो रही है. शहर के सायलेंट झोन में भी वाहनों का कर्णकर्कश शोर सुनाई देने के चलते आम नागरिक त्रस्त हो चले है. ऐसे में यातायात पुलिस द्वारा कर्णकर्कश हॉर्न बजानेवाले व वाहनों में मॉडीफाईड सायलेंसर लगाते हुए अजिबोगरीब आवाज निकालनेवाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. जिसे आगे चलकर और भी तीव्र किया जाएगा, ऐसी जानकारी शहर यातायात पुलिस विभाग के सहायक पुलिस आयुक्त संजय खताले द्वारा दी गई है.
बता दें कि, जिला सामान्य अस्पताल परिसर, न्यायालय परिसर, जिलाधीश कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, प्रशासकीय इमारत परिसर, स्कूल व कॉलेज परिसर को सायलेंट झोन घोषित किया जाता है. परंतु इसी परिसर में वाहनों की अच्छी-खासी भीडभाड रहती है. जिसके चलते सायलेंट झोनवाले इलाको में पूरा दिन वाहनों का शोर मचा रहता है.

* शहर में 500 से अधिक सायलेंट झोन
मनपा की आंकडेवारी के अनुसार शहर में 581 सायलेंट झोन है. सायलेंट झोन की व्याख्या केवल संबंधित स्थान तक ही मर्यादित नहीं है, बल्कि सायलेंट झोन में उस स्थान के 100 मीटर दायरे में आनेवाले क्षेत्र का भी समावेश होता है.

* सायलेंट झोन में ध्वनी प्रदूषण का परिणाम
श्रवणदोष – सामान्य तीव्रता से अधिक आवाज के सतत संपर्क में रहने से कान के परदों का नुकसान हो सकता है. जिससे श्रवणदोष हो सकता है.
नींद का विकार – ध्वनी प्रदूषण किसी व्यक्ति की नींद के चक्र में व्यत्यय डाल सकता है. जिससे नींद की तकलीफ, कम उर्जा स्तर और थकान की तकलीफ होती है.
दीर्घकालिन स्वास्थ समस्या – ध्वनी प्रदूषण के चलते उच्च रक्तदाब, धमनी उच्च रक्तदाब, कोरोनरी हृदयरोग, डायबिटीज जैसी बीमारियां तथा अपचन की तकलीफ बढ सकती है.

* दो माह में 50 से अधिक कार्रवाई
विगत दो माह में शहर यातायात पुलिस ने यातायात नियमों का उल्लंघन करनेवाले 50 से अधिक वाहन धारकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करते हुए दंड वसूल किया है. साथ ही यातायात पुलिस द्वारा सायलेंट झोन में हॉर्न बजानेवाले वाहन धारकों पर भी नजर रखी जा रही है.

* फलक भी गायब
महानगर पालिका ने शहर में सायलेंट झोन घोषित रहनेवाले स्थानों पर फलक भी लगाए है. परंतु कई स्थानों से ऐसे फलक गायब हो गए है. विशेषकर स्कूल-कॉलेज, अस्पताल व धार्मिक संस्थाओं के पास ऐसे फलक दिखाई नहीं देते.

* सायलेंट झोन में कर्णकर्कश हॉर्न बजाने पर प्रतिबंध है. ऐसा करनेवाले वाहन चालकों के खिलाफ हम निरंतर दंडात्मक कार्रवाई करते है. वाहन धारकों ने यातायात नियमों का पालन करना चाहिए तथा सायलेंट झोन सहित शहर में कहीं पर भी बिना वजह हॉर्न नहीं बजाना चाहिए.
– रिता उईके, पुलिस निरीक्षक, यातायात नियंत्रण शाखा.

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