महाराष्ट्र

निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अनदेखी कर पुलिस विभाग में तबादले

आयोग ने ली गंभीर दखल, मैट की रिपोर्ट पेश करने का आदेश

मुंबई/दि.22– लोकसभा चुनाव के मुहाने पर पुलिस अधिकारियों के तबादले करते समय केंद्रीय निर्वाचन आयोग के निर्देशोें की अनदेखी किये जाने की गंभीर दखल निर्वाचन आयोग सहित महाराष्ट्र प्रशासनीक लवाद (मैट) द्वारा ली गई है. आयोग ने इससे संबंधित रिपोर्ट पुलिस महासंचालक कार्यालय से मांगी है. इस बात की पृष्टि राज्य निर्वाचन अधिकारी श्रीकांत देशपांडे ने भी की है.
चुनाव से प्रत्यक्ष संबंध रहने वाले पुलिस अधिकारी का यदि एक ही स्थान पर तीन वर्ष अथवा उससे अधिक कार्यकाल हो चुका है, तो उस अधिकारी का अन्य जिले में तबादला किया जाये. ऐसा निर्वाचन आयोग का निर्देश है. परंतु पुणे, पिंपरी चिंचवड, ठाणे व सोलापुर में कई पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति उन्हीं जिलों में की गई और कुछ अधिकारियों को ‘साइड पोस्टींग’ दी गई. खास बात यह रही कि, जिन अधिकारियों के स्थान पर ऐसे अधिकारियों को साइड पोस्टींग दी गई उन अधिकारियों का तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है. लेकिन तबादलों के चक्कर में उन अधिकारियों का भी अन्यत्र तबादला कर दिया गया.

* आयोग ने ली पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक
हमारा कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है और हम चुनाव से संबंधित पदों पर कार्यरत भी नहीं है. इसके बावजूद भी हमारा तबादला क्योें किया गया. इस आशय की गुहार लगाते हुए कई पुलिस अधिकारियों ने मैट के समक्ष याचिका दायर की है.
इस संदर्भ में पुलिस महासंचालक व मैट के पास जिन तबादलों को लेकर शिकायतें आई है, उन स्थानों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक निर्वाचन आयोग द्वारा ली जाये, ऐसा निर्देश मैट द्वारा जारी किया गया. जिसके चलते मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीकांत देशपांडे ने मंगलवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक ली.

पुलिस दल में चुनाव को लेकर हुए तबादले में निर्वाचन आयोग के निर्देशों की किन-किन स्थानों पर अनदेखी की गई, इसकी पडताल की जा रही है. जिसके बाद केंद्रीय निर्वाचन आयोग को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी.
– श्रीकांत देशपांडे,
मुख्य निर्वाचन अधिकारी.

– अन्य जिलों में भी ऐसे में मामले निर्वाचन आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए किये गये पुलिस अधिकारियों के तबादले रद्द होन ेकी पूरी संभावना है.
– जिन जिलों के मामले मैट में गये है, वे तो सबके सामने है. वहीं अन्य जिलों में हुए तबादलों में भी निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अनदेखी किये जाने की संभावना है. जिसके चलते राज्य में चुनाव के मद्देनजर किये गये पुलिस अधिकारियों के सभी तबादलों की पडताल की जाएगी.
– तबादलों की रिपोर्ट पुलिस महासंचालक कार्यालय द्वारा 15 फरवरी तक निर्वाचन आयोग को दी जानी थी. परंतु मामला मैट में चले जाने के चलते इस डेडलाइन का पालन नहीं किया जा सका.

* राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा पडताल
तबादलों को लेकर निर्वाचन आयोग के नियमों का गलत अर्थ लगाते हुए राज्य पुलिस दल ने एक परिपत्रक जारी किया. जिसे सभी जिलों को भेजा गया. ऐसे में इस परिपत्रक की वजह से नियमों का किस तरह से उल्लंघन हुआ है, इसकी जांच राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा की जा रही है.

* आयोग के मार्फत तबादलों की जांच नहीं
– राजस्व सहित राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में भी ऐसे कई अधिकारी है, जो चुनाव से संबंधित काम में थे और उन्हें एक ही स्थान पर तीन वर्ष अथवा उससे अधिक समय हो चुका है.
– ऐसे अधिकारियों के तबादले नियमानुसार किये जा रहे है अथवा नहीं, इसकी पडताल आयोग द्वारा किये जाने के बाद ही तबादले किये गये है. ऐसे में इन तबादलों को लेकर कोई गडबडी वाली बात सामने नहीं आयी.
– वहीं पुलिस महकमे में हुए तबादलों की जांच आयोग द्वारा तबादले से पहले नहीं की गई. बल्कि पुलिस विभाग ने अपने स्तर पर ही तबादलों का निर्णय लिया, यह जानकारी अब सामने आयी है.

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