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राज्य में परसों से तोडे जायेंगे गैरकानूनी निर्माण

मुंबई हाईकोर्ट ने सरकार व प्रशासन को दी अनुमति

* कोविड काल में कार्रवाई करने से रोका गया था

मुंबई/दि.9- कोविड महामारी संकटकाल के दौरान समूचे राज्य में गैरकानूनी निर्माण कार्यों को दिया गया अंतरिम संरक्षण के तहत मुंबई उच्च न्यायालय की पूर्णपीठ द्वारा अहमदनगर, सातारा, उस्मानाबाद, पुणे व रत्नागिरी जिलों को दो सप्ताह की मोहलत दिये जाने तथा इन पांच जिलों के अलावा राज्य के अन्य सभी जिलों में केवल दो दिन की मोहलत देने का निर्णय लिया है.
मुंबई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति ए. ए. सैय्यद, न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे तथा न्यायमूर्ति पी. बी. वारले की पूर्णपीठ ने राज्य के अहमदनगर, सातारा, उस्मानाबाद, पुणे व रत्नागिरी जिलों में कोविड संक्रमण में होनेवाली वृध्दि को देखते हुए इन जिलों में अवैध निर्माण कार्य को दिये गये संरक्षण को और दो सप्ताह आगे बढाने का निर्णय लिया है. वहीं राज्य में मुंबई सहित अन्य जिलों में किये गये अवैध निर्माण पर दो दिन बाद यानी 12 अक्तूबर के बाद कार्रवाई का रास्ता खोल दिया जायेगा. बता दें कि, राज्य में अनधिकृत निर्माण कार्यों पर कार्रवाई करने के संदर्भ में दायर की गई सुमोटो याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति ए.ए. सैय्यद, न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे व न्यायमूर्ति पी. बी. वारले की पूर्णपीठ के समक्ष शुक्रवार को सुनवाई हुई. इससे पहले पूर्ण पीठ ने कोरोना के बढते प्रभाव विचार करते हुए अवैध निर्माण को तोडने, झोपडियों का अतिक्रमण हटाने एवं सरकारी संपत्तियों को खाली कराने जैसी कार्रवाई करने से प्रशासन को 8 अक्तूबर तक मना किया था. वहीं शुक्रवार को ही सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोणी ने कोविड संक्रमण तथा मुंबई व महाराष्ट्र में टीकाकरण को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की. साथ ही कहा कि, मुंबई में भले ही अब भी कोविड पॉजीटीव पाये जा रहे है. किंतु स्थिति चिंताजनक नहीं है. जिसे अदालत द्वारा ग्राह्य माना गया. साथ ही कहा गया कि, राज्य में कोविड को लेकर हालात काफी हद तक नियंत्रण में है और लॉकडाउन के तहत लगाये गये प्रतिबंधों को भी शिथिल कर दिया गया है. साथ ही अब अदालती कामकाज भी नियमित एवं सुचारू ढंग से चलने लगा है. अत: विगत करीब दो वर्ष से नियमित निर्माण कार्यों को दिये गये संरक्षण को और अधिक नहीं बढाया जा सकता. साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि, कोविड काल के मद्देनजर दी गई छूट का कई लोगोें द्वारा गलत तरीके से फायदा भी उठाया गया है.

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