महाराष्ट्र

गैरकानूनी मद्यनिर्मिती से सामान्य स्वास्थ्य पर विपरित असर नहीं !

एक मामले में हाईकोर्ट की राय

* कहा-याचिकाकर्ता आरोपी की गिरफ्तारी आदेश उचित नहीं
नागपुर/दि.13-गैरकानूनी मद्यनिर्मिती करने से सार्वजनिक स्वास्थ्य पर विपरित परिणाम होता है, ऐसा नहीं माना जा सकता, यह राय मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने व्यक्त करते हुए संबंधित आरोपी को गिरफ्तार करने का आदेश रद्द करने का फैसला सुनाया है. सार्वजनिक स्वास्थ्य बिगाडने वाले प्रत्येक घटना से कानून व्यवस्था नहीं बिगडती, ऐसा कोर्ट ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया है. न्यायाधीश विनय जोशी और न्यायाधीश वृषाली जोशी के खंडपीठ ने यह निर्णय दिया है.

यवतमाल जिले का आरोपी याचिकाकर्ता रमेश राठोड गैरकानूनी तरीके से मद्यनिर्मिती और बिक्री करता है, यह आरोप लगाते हुए वसंतनगर के पुलिस स्टेशन में 4 मामले दर्ज किए गए. पहले मामले में आरोपी से 12 हजार कीमत की 60 लीटर शराब जब्त की गई तथा एक अन्य मामला अंतर्गत उसके पास से 300 लीटर की गैरकानूनी शराब जब्त की गई. आरोपी खिलाफ आखरी मामला 27 जून को दर्ज किया गया. दर्ज मामले के आधार पर कानून व्यवस्था प्रभावित होने का कारण बताकर महाराष्ट्र प्रतिबंधक कानून के अंतर्गत यवतमाल के जिलाधिकारी ने आरोपी के खिलाफ 24 अगस्त को गिरफ्तारी का आदेश निकाला था. 17 अक्टूबर 2023 को राज्य सरकार ने इस आदेश को मंजूरी दी. इसके बाद आरोपी ने इस आदेश को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में जानकारी दी गई कि, आरोपी द्वारा गैरकानूनी तरीके से मद्यनिर्मिती के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था पर परिणाम होकर मद्यपान करनेवालों के कारण कानूनव्यवस्था की समस्या निर्माण हो रही है, ऐसा युक्तिवाद भी राज्य सरकार ने किया. कोर्ट ने राज्य सरकार के युक्तिवाद को खारिज किया. गैरकानूनी मद्यनिर्मिती से सार्वजनिक स्वास्थ्य पर किस प्रकार दुष्परिणाम होता है, इस बात को प्रशासन आदेश में स्पष्ट नहीं कर पाया. इसके अलावा सार्वजनिक स्वास्थ्य बिगाडनेवाली हर घटना से कानून व्यवस्था बिगडती ही है, ऐसा प्रावधान कानून में दिखाई नहीं देता, इस मामले में प्रशासन समाधानकारण कारण नहीं दे पाया. इसलिए कानूनी दृष्टि से आरोपी याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी का आदेश उचित नहीं, ऐसा फैसला कोर्ट ने देते हुए बताया. याचिकाकर्ता की ओर से एड. अभिषेक झाडे और एड.शाहरूख शफिक खान तथा राज्य सरकार की ओर से एड.एस.एस.अशीरगडे ने पक्ष रखा.

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