दुर्घटना भरपाई के लिए तत्काल 10 करोड रूपए जमा करें
हाईकोर्ट का वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को आदेश
नागपुर/दि.3– जिला न्यायालय के लिपिक दुर्योधन डेरे के आर्थिक घोटाले के कारण ठप्प पडे 400 प्रकरणों के दुर्घटना पीडितों को नुकसान भरपाई की रकम अदा करने के लिए तत्काल 10 करोड रूपए देने के आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और विधि व न्याय विभाग के प्रधान सचिव का दिए है. साथ ही इस आदेश पर 10 सितंबर तक भ्ाूमिका रखने कहा है.
प्रकरण पर न्यायमूर्ति नितिन सांबरे व अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई. मोतार वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण द्बारा मंजूर की गई भरपाई की रकम बीमा कंपनी और वाहन संचालक द्बारा एसबीआई के खाते में जमा की जाती है. पश्चात न्यायाधिकरण के व्यवस्थापन वह रकम दुर्घटना पीडितों को अदा करते है. डेरे इस विभाग में कार्यरत था. उसने अपने दोस्त और रिश्तेदारों सहित विविध व्यक्तियों के नाम से बैंक खाते खोले थे. वह फर्जी कागजपत्र तैयार कर भरपाई की रकम पीडितों को अदा न करते हुए फर्जी खातों में ट्रांसफर करता था. उसने इस तरीके से कुल 42 करोड रूपए का घोटाला किया है. उसके खिलाफ पुलिस ने मामला भी दर्ज किया है. घोटाले की रकम वसूल करने के लिए विविध कानूनी मार्ग का इस्तेमाल किया जारहा है. लेकिन फिलहाल दुर्घटना पीडितों को तत्काल भरपाई रकम मिलना आवश्यक है. डेरे के घोटाले के कारण इस संदर्भ में 400 आवेदन पिछले एक साल से न्यायाधिकरण में प्रलंबित है. इस कारण उच्च न्यायालय ने पीडितों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उक्त आदेश जारी किए.
* पीडित महिला की जनहित याचिका
– दुर्घटना पीडित महिला शिल्पा टोम्पे ने भरपाई का प्रश्न हल करने के लिए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है. उसके पति का दुर्घटना में निधन हुआ है. इस कारण उसने मोटर वाहन दुर्घटना न्यायाधिकरण में भरपाई का दावा दायर किया था.
– 20 जुलाई 2022 को न्यायाधिकरण ने उसे 31 लाख 10 हजार 281 रूपए भरपाई मंजूर की थी. पश्चात बीमा कंपनी में न्यायाधिकरण में ब्याज सहित 49 लाख 16 हजार 196 रूपए जमा किए थे.
– घोटालेबाज डेरे ने उसमें से 37 लाख 15 हजार 196 रूपऐ दुसरे खाते में ट्रांसफर कर लिए. इस कारण टोम्पे को भरपाई की रकम नहीं मिली. उस पर परिवार के देखरेख की जिम्मेदारी है. भरपाई न मिलने से उस पर भूखमरी नौबत आ गई है.