महाराष्ट्र

चुनाव में कारोबार पर पड रहा खरीदारी में कटौती का असर

मुंबई आने से कतरा रहे हैं व्यापारी

* सताता है नकदी पकडे जाने का डर
* चुनाव बीतने का इंतजार
मुंबई/दि.17– हर बार चुनाव आयोग चुनाव में धनबल का इस्तेमाल रोकने के लिए भरसक प्रयास करता है. चुनावों में धनबल का इस्तेमाल आम बात है. मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे बांटे जाते हैं. इसके लिए नकदी एक जगह से दूसरी जगह भेजी जाती है. इसको रोकने के लिए चुनाव आयोग के दस्ते जगह-जगह तलाशी अभियान चलाते हैं. इससे डर कर इन दिनों व्यापारी खरीदारी के लिए मुंबई आने से बच रहे हैं. वे नहीं चाहते कि माल खरीदने के लिए लेकर जाने वाली नकदी चुनाव अधिकारियों के हाथ लगे और फिर उसे वापस पाने के लिए मशक्कत करनी पडे.

* कारोबार पर पड रहा सीधा असर
प्रशासन की सघन चेकिंग और नाकाबंदी के चलते व्यापारी वर्ग अपनी खरीदारी में कटौती कर रहा है, इसका सीधा असर कारोबार पर पड रहा है. चेकिंग के दौरान कीमती वस्तुएं और नकदी मिलने पर जांच के लपेटे से व्यापारी बचना चाहते हैं. इस कारण अन्य राज्यों के व्यापारियों ने मुंबई के थोक बाजार में आना कम कर दिया है. चुनाव के दौरान मजदूरों को भी प्रचार रैलियों और रोड शो में जाने के लिए दिहाड़ी पर काम मिल रहा है जिससे उद्योग के क्षेत्र में मजदूरों की कमी होने से उत्पादने क्षमता पर भी सीधा प्रभाव पड रहा है. छतरी बनाने वाले कारागीर ने बताया कि मानसून समीप है, पर इस वर्ष अभी तक व्यापार में तेजी नहीं आई है. व्यापारी चुनाव के दौरान नकदी लेकर निकलने से बच रहे हैं. मजदूरों का भी अभाव है, जिससे उत्पादन क्षमता प्रभावित हुई है.

व्यापारियों के अनुसार चुनाव का सबसे अधिक प्रभाव सोने-चांदी के व्यवसाय पर हुआ है. चुनाव में व्यापारी कीमती वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने में दिक्कत महसूस करते हैं, जिसमें बिक्री प्रभावित हुई है. सघन चेकिंग और जांच से बचने के लिए व्यापारी कम खरीदारी कर रहे हैं. चुनाव बाद बाजार में और भी तेजी की उम्मीद है. कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री शंकर ठक्कर ने बताया कि गर्मियों की छुट्टी और चुनाव साथ में होने के कारण सभी उद्योगों में मजदूरों की समस्या उत्पन्न हो गई है. मजदूरों को उनके इलाके में ही प्रचार का कार्य मिल जा रहा है. इसकी वजह से हमें मजदूर नहीं मिल रहे हैं. कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के व्यापारियों पर इसका गहरा असर हुआ है. साथ ही चेकिंग से बचने के लिए कीमती वस्तुओं में सोने-चांदी के व्यापारी बाजार से खरीदारी नहीं कर रहे हैं. शारदा अम्ब्रेला के रतन सिंह राजपुरोहित ने कहा कि चुनाव के बाद व्यवसाय में तेजी की उम्मीद है. व्यापारी नगद देकर डिस्काउंट लेते हैं और चुनाव में कैश ले जाने और ले आने में असुविधा है, जिससे बिक्री कम हो रही है. चुनाव बाद मुंबई के बाजार और खुलने की उम्मीद है. गौरतलब है कि अभी तक चुनाव आयोग के लिए तैनात अधिकारियों ने 59.39 करोड रुपए की नकदी और 162.40 करोड की मूल्यवान वस्तुएं बरामद की है. बुधवार को चुनाव आयोग के दस्ते ने 37 लाख रुपए बरामद किए हैं.

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