महाराष्ट्र

विश्वकर्मा जयंती का महत्व

भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला वास्तुकार माना गया है. आज 22 फरवरी 2024 को विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है. विश्वकर्मा जयंती की तारीख को लेकर मतभेद हैं। माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को देवताओं के वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा के प्रकट होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, हालांकि भारत में कुछ स्थानों पर सितंबर माह में भी विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है. भगवान विश्वकर्मा ने सोने की लंका, द्वारिका नगरी, पुष्पक विमान, देवी-देवताओं के रथ, अस्त्र महल आदि का निर्माण किया था. माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से इंजीनियर, मैकेनिक, वेल्डर, बढ़ई आदि काम से जुड़े लोग अधिक कुशल हो जाते हैं. शिल्प कौशल का विकास होता है। आइए आज विश्वकर्मा जयंती के मौके पर आप भी इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को शुभकामनाएं भेज सकते हैं.

यह त्यौहार देश के बड़े हिस्से के लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है। यह शुभ दिन भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है, जिन्हें ब्रह्मांड के दिव्य निर्माता के रूप में पूजा जाता है.

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