महाराष्ट्र

नीतियां सुधारो, नहीं तो जाउंगा कोर्ट

विस में विपक्ष के नेता फडणवीस ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

मुंबई/दि.28 – विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कोरोनाकाल के प्रभाव के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र की मदद के लिए प्रदेश सरकार की ओर से तैयार की गई की नीतियां का विरोध किया है.
रविवार को फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने सरकार से इस फैसले को स्थगित करने की मांग की है. फडणवीस ने सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने की चेतावनी भी दी है. फडणवीस ने कहा कि, रियल एस्टेट क्षेत्र को गति देने के नाम पर मुठ्ठी भर निजी बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इससे राज्य के हजारों करोड रुपए के राजस्व का नुकसान होगा. फडणवीस ने कहा कि, रियल एस्टेट क्षेत्र को गति देने के लिए एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख की अध्यक्षता वाली समिति ने सरकार को कुछ सिफारिशों लागू करने का सुझाव दिया था. इसमें से कुछ चुनिंदा और सुविधाजनक सिफारिशों को लागू किया जा रहा है. ऐसा करते समय इसका परिणाम क्या होगा? इस बारे में कोई विचार नहीं किया गया है. फडणवीस ने कहा कि, मुद्रांक शुल्क में रियायत, रेडिरेकनर दर और प्रीमियम दरों में कटौती जैसे बिंदु महत्वपूर्ण है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि, इसका लाभ केवल मिठ्ठी भर लोगों को न हो. फडणवीस ने कहा कि, राज्य मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में इससे संबंधी प्रस्ताव को लाया गया था. लेकिन यह प्रस्ताव अगली बैठक तक के लिए रोक दिया गया है. फडणवीस ने कहा कि, राज्य मंत्रिमंडल की बैठक का एजेंडा गुप्त होता है लेकिन इस प्रस्ताव का एजेंडा, संलग्न संपूर्ण कागजात और शासनादेश का मसौदा सभी बिल्डरों के पास उपलब्ध है. यह सोशल मीडिया पर भ्ज्ञी मौजूद है. इसी के आधार पर कुछ लोगों ने अपने हित को साधने की शुरुआत कर दी है. फडणवीस ने कहा कि, निर्माण कार्य क्षेत्र में मांग बढाने के लिए सुधार करने का विरोध नहीं है. लेकिन सुधार के नाम पर सत्ता का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. फडणवीस ने कहा कि, इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मैं हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करुंगा. फडणवीस ने कहा कि, राज्य सरकार हर दिन अपनी आर्थिक स्थिति की चिंता कर रही है. ऐसे में मुझे भरोसा है कि, मुख्यमंत्री सरकारी तिजोरी की खुलेआम लूट नहीं होने देंगे.

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