महाराष्ट्र

राज्य में शिक्षा की स्थिती में हुआ सुधार

सर्वे में सामने आयी जानकारी

पुणे/दि.८ – केंद्र सरकार की ओर से तैयार किए गए साल 2019-20 शैक्षणिक वर्ष के लिए परर्फामंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) ने राज्य के शैक्षिणक क्षेत्र में काफी सुधार देखने को मिला है. केंद्र सरकार द्बारा निर्धारित किए गए पांच निकषों के आधार पर तैयार किए गए सर्वेक्षण में राज्य के शिक्षा नीतियों को 869 अंक दिए गए है. साल 2018-19 की तुलना में राज्य के गुणांक में 69 अंकों से वृद्धि हुई है. जिससे पीजीआई में महाराष्ट्र को वनप्लस का दर्जा दिया गया है. शिक्षा का स्तर और प्रगती, शिक्षा की उपलब्धता, मौलिक सुविधा, सर्वसमावेशक इकविटी और शैक्षणिक प्रशासन इन निकषों के आधार पर मूल्यांकन किया गया है.
जिसमें महाराष्ट्र ने चौथे गुणांक स्तर से तीसरा स्थान निर्धारित किया है. महाराष्ट्र सहित गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली इन राज्यों सहित दादर नगर हवेली के स्तर का भी समावेश किया गया है. सर्वेक्षण के पांच निकषों पर विचार किया गया है. वहीं शिक्षा का स्तर और प्रगती के निकष ने राज्य को 180 में से 144 अंक भी दिए गए है. 2018-19 शैक्षणिक वर्ष की तुलना में इस गुणांकन मे कोई भी बदलाव नहीं किया गया है. शिक्षा की उपलब्धता में भी बदलाव नहीं किया गया है. इस निकष के लिए राज्य को 80 में से 76 अंक दिए गए है. राज्य के सभी समाज के छात्रों के लिए सर्वसमावेशक शिक्षा की उपलब्धता मेें इजाफा हुआ है. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य को 224 अंक दिए गए है. मौलिक सुविधाओं के लिए 126 अंक, शैक्षणिक प्रशासन के लिए 299 अंक दिए गए है. इन गुणांकों से राज्य में शिक्षा की स्थिती में तेजी से सुधार हो रहा है.

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