* शिवसेना ने वापस जमाया कब्जा
दर्यापुर/ दि. 25– विधानसभा चुनाव में महायुति ने सात स्थानों पर विजय का परचम लहराया. किंतु इस महायुति लहर में भी शिवसेना उबाठा के गजानन लवटे ने दर्यापुर में मविआ की आन रखी. लवटे ने दो पूर्व विधायकों रमेश बुंदिले तथा कैप्टन अभिजीत अडसूल को हराया. वे करीब 21 हजार वोटों से विजयी रहे. अंजनगांव निवासी व्यक्ति के दर्यापुर का विधायक बनने का यह प्रथम अवसर हैं. शिवसेना शिंदे गट के अभिजीत अडसूल केवल 23 हजार वोट लेकर अमानत राशि नहीं बचा सके.
उल्लेखनीय है कि 2019 के चुनाव में जिले मेें केवल एक सीट भाजपा के खाते में आयी थी. इस बार ऐसा मविआ के साथ हुआ है. यह भी उल्लेखनीय है कि दर्यापुर शिवसेना का गढ रहा है. 1990 से लेकर लगातार 5 चुनाव तक प्रकाश पाटिल भारसाकले यहां से विधायक रहे. उन्होंने शिवसेना के बाद एक बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में भी यहां से सफलता प्राप्त की थी. 2009 में सीट आरक्षित हो जाने के कारण भारसाकले बगल की अकोट सीट पर स्थानांतरित हो गये. वहीं यहां कैप्टन अभिजीत अडसूल चुनाव जीते थे. 2014 में भाजपा के रमेश बुंदिले ने विजय का परचम लहराया. पिछले चुनाव में कांग्रेस के बलवंत वानखडे यहां से विजयी हुए.
अंजनगांव में जश्न
गजानन लवटे के रूप में पहलीबार अंजनगांव से कोई नेता विधायक बना है. जिसकी अंजनगांववासियों को बडी प्रसन्नता है. सामान्य शिवसैनिक गजानन लवटे की विजय से अंजनगांव के अग्रसेन चौक में शिवसैनिकों ने लवटे की जीत का जोरदार जश्न मनाया. सांसद बलवंत वानखडे, बैंक संचालक सुधाकर भारसाकले, शिवसेना तहसील प्रमुख सुनील डिके, युवासेना के अंकुश कावडकर, कांग्रेस नेता बालासाहब हिंगणीकर, नीतेश वानखडे आदि ने गजानन लवटे को चुनाव की सफलता पर बधाई दी है.
दोनों शिवसेना की टक्कर
दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना उबाठा और शिवसेना शिंदे के बीच सीधी टक्कर होनी थी. जिसे युवा स्वाभिमान के रमेश बुंदिले ने त्रिकोणीय बना दिया. त्रिकोणीय मुकाबले में लवटे अपने दोनों ही प्रतिास्पधियों पर भारी पडे. उन्हें 86296 वोट मिले. रमेश बुंदिले 67661 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे. शिवसेना अर्थात महायुति के कैप्टन अभिजीत अडसूल 23339 वोट लेकर डिपॉजिट गंवा बैठे. स्पष्ट है कि दर्यापुर में भी राणा फैक्टर चला.