महाराष्ट्र

देशमुख से जुडे मामले में बडे पुलिस अफसरों समेत 12 ठिकानों पर छापे

मुंबई, पुणे, ठाणे, अहमदनगर, सांगली, उस्मानाबाद और नाशिक में सीबीआई की कार्रवाई

मुंबई/दि.२९ – महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अनिल देशमुख से जुडे भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने डीसीपी राजू भुजबल, एसीपी संजय पाटील के आवास समेत 12 ठिकानों पर छापेमारी की है. सीबीआई ने बुधवार को मुंबई, पुणे, ठाणे, अहमदनगर, सांगली, उस्मानाबाद और नाशिक में इस कार्रवाई को अंजाम दिया.
सूत्रों के मुताबिक, डीसीपी भुजबल के अहमदनगर और मुंबई स्थित घर जबकि एसीपी पाटील के पुणे और मुंबई स्थित घर की तलाशी ली गई. दूसरे जिन लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई, उन पर पोस्टिंग, तबादला और जबरन वसूली जैसे मामलों में बिचौलिए की भूमिका निभाने का संदेह है. छापेमारी के दौरान सीबीआई के हाथ मामले से जुडे कुछ अहम दस्तावेज लगे हैं. इसके अलावा कई डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं. अगर मामले में पुख्ता सबूत मिले तो देशमुख की मुश्किलें और बढ सकती हैं.
बता दें कि, मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि, देशमुख मुंबई के रेस्टारेंट और बार से सचिन वाझे, भुजबल और पाटील जैसे पुलिसकर्मियों की मदद से हर महीने 100 करोड रुपए की जबरन वसूली करते थे. हाईकोर्ट के निर्देश पर प्राथमिक जांच के बाद सीबीआई ने देशमुख और दूसरे आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरु की है. देशमुख पर पैसे लेकर पुलिस अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग करने का आरोप है.

  • जांच में सहयोग नहीं कर रही महाराष्ट्र सरकार : सीबीआई

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि, कोर्ट के आदेश के बावजूद महाराष्ट्र सरकार राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच में सहयोग नहीं कर रही है. सीबीआई की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ के समक्ष कहा कि, सीबीआई ने राज्य के खुफिया विभाग के आयुक्त को पत्र लिखकर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मी शुक्ला द्बारा पुलिस महकमें में तबादले व तैनाती में होनेवाले भ्रष्टाचार के बारे में लिखे गए पत्र के बारे में जानकारी मांगी थी. लेकिन सहायक पुलिस आयुक्त नितीन जाधव ने सीबीआई द्बारा मांगे गए दस्तावेजों को सौंपने से इनकार कर दिया है. खुफिया विभाग सीबीआई को दस्तावेज नहीं सौंपने चाहता है. इस पर खंडपीठ ने सीबीआई को इस मुद्दे पर आवेदन दायर करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि, सीबीआई द्बारा आवेदन दायर करने के बाद हम इस मामले की सुनवाई करेेंगे. सीबीआई ने 21 अप्रैल को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार व पद के दुरुपयोग के आरोपों को लेकर मामला दर्ज किया था.

  • परमबीर की जांच के लिए एसआईटी गठित

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और अन्य आठ आरोपियों के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों की छानबीन के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. लोकल आर्म्स डिविजन में तैनात डीसीपी निमित गोयल को एसआईटी का प्रमुख बनाया गया है जबकि देवनार विभाग के एसीपी एमएम मुजावर मामले के जांच अधिकारी होंगे. बिल्डर श्याम सुंदर अग्रवाल ने सिंह समेत छह पुलिसकर्मियों और दो अन्य आरोपियों के खिलाफ मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में अवैध वसूली की एफआईआर दर्ज कराई थी. इसके अलावा एसआईटी को जुहू पुलिस स्टेशन में दर्ज उस मामले की भी जांच सौंप दी गई है. जिसमें अग्रवाल पर दूसरे कारोबारी को फोन कर धमकाने का आरोप है. इस मामले की जांच अपराध शाखा कर रही थी. परमबीर सिंह के मुंबई पुलिस आयुक्त रहते अग्रवाल के खिलाफ यह मामला दर्ज हुआ था. एसआईटी गठित करने से जुडा आदेश मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने जारी किया है. इसमें जांच अधिकारी को दोनों मामलों से जुडे दस्तावेज मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन और पश्चिम विभाग अपराध शाखा के एसीपी से हासिल कर छानबीन शुरु करने का निर्देश दिया गया है. अग्रवाल का आरोप है कि, सिंह के निर्देश पर उनके खिलाफ संगठित अपराध विरोधी कानून मकोका की धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया था. इसमें राहत देने के लिए 15 करोड रुपए की मांग की गई थी.

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