महाराष्ट्र

महाराष्ट्र विधानसभा में गाली गलौज के आरोप में सस्पेंड हुए 12 BJP विधायक पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

कहा- एक बार भी नहीं मिला सफाई देने का मौका

मुंबई/दि. 22 – महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ दुर्व्यवहार और गाली गलौज करने के आरोप में निलंबित किए गए 12 बीजेपी विधायकों ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उन्होंने कहा है कि उन्हें 1 साल के लिए सस्पेंड करने का फैसला दुर्भावना के चलते लिया गया, ऐसा फैसला लेने से पहले उनके पक्ष को भी नहीं सुना गया.
विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह पीठासीन अधिकारी के साथ “अपमानजनक” और दुर्व्यवहार करने के आरोप में 6 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा से 12 भाजपा विधायकों एक साल के लिए निलंबित किया गया था. उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
विधायकों ने इसे अपनी आवाज दबाने और विपक्ष की संख्या कम करने की कोशिश करार दिया. याचिका में निलंबन की कार्रवाई को ‘प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण’ करार दिया गया है.
याचिका में विधायकों ने अदालत के समक्ष दलील दी कि पीठासीन अधिकारी को 12 विधायकों को अपना स्पष्टीकरण देने का अवसर देना चाहिए था और सत्तारूढ़ दल के कुछ विधायक भी स्पीकर कक्ष में मौजूद थे. इसके अलावा उन्होंने तर्क दिया कि 1 साल के लिए निलंबन अत्यधिक अनुपातहीन था.
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गरमागरम बातचीत लोकतंत्र का सार है और इस तरह की कार्रवाई केवल विपक्ष की ताकत को कम करने के लिए की गई है.

सस्पेंड किए गए 12 विधायकों में अभिमन्यु पवार, अतुल भातखलकर, नारायण कुचे, आशिष शेलार, गिरिश महाजन, संजय कुटे, पराग अलवणी, राम सातपुते, हरीश पिंपले, जयकुमार रावल, योगेश सागर, कीर्ति कुमार बागडिया के नाम हैं. संसदीय कामकाज मंत्री अनिल परब भाजपा विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव लाए थे जिसे ध्वनि मत से मंजूर कर लिया गया.
कार्रवाई के कारणों पर बोलते हुए भास्कर जाधव ने कहा था कि ओबीसी आरक्षण से जुड़े प्रस्ताव पर बहस के दौरान विपक्षी सदस्य अंदर आ गए. मुझे मां-बहन की गालियां दी गईं. गांव के गुंडों की तरह व्यवहार किया गया. महाराष्ट्र में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.
नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इस निलंबन की कार्रवाई का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि यह सीधी-सीधी मैन्यूफैक्चर्ड कार्रवाई है, जो कि विधानसभा में हमारे नंबर कम करने के लिए की गई है. कल को राज्य सरकार मेरे खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाती है तो भी चलेगा. लेकिन मैं स्पष्ट कहता हूं कि विधानसभा के तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव ने खुद काफी गलत बातें की. निलंबन की इस कार्रवाई की तुरंत बाद भाजपा विधायकों ने बैठक बुलाई और आगे की रणनीतियों पर चर्चा की.

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