महाराष्ट्र

थानों में सीसीटीवी कैमरों को लेकर हाईकोर्ट की सरकार को फटकार, कहा-

राज्य सरकार का काम संतोषजनक नहीं

मुंबई./दि.22-प्रदेश के कई पुलिस थाों में सीसीटीवी कैमरे न लगेहोने को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार को फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि राज्य के पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाने को लेकर राज्य सरकार ने कोई संतोषजनक कदम नहीं उठाया है. न्यायमूर्ति एसजे काथावाला और एमएन जाधव की खंडपीठ ने कहा कि इससे पहले जब भी अदालत ने किसी मामले में सीसीटीवी फूटेज मांगा है, पुलिस ने कोई न कोई बहाना बनाककर इनकार कर दिया है. न्यायमूर्ति काथावाला ने कहा कि अगर मैं स्पष्ट कहूं तो ऐसा जानबूझकर किया गया है. खंडपीठ ने कहा कि 2020 के दिसंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाने के निर्देश दिए थे. लेकिन पिछले दो साल में महाराष्ट्र में इसे लेकर कोई संतोषजनक कदम नहीं उठाया गया. खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पुलिस थानों में आने जाने के रास्तों के साथ लॉकअप के भीतर और पुलिस अधिकारियों के केबिन और दूसरी जगहों पर सीसीटीवी लगे होने चाहिए. खंडपीठ ने ठेका सिर्फ दो ठेकेदारों को देने पर सवाल उठाए. 2 मार्च को होने वाली सुनवाई के दौरान ठेके से जुड़े दस्तावेज पेश करने को कहा है.
* ठेकेदारों को दिए बंद सीसीटीवी चालू करने के निर्देश
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि राज्य के पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाने और बंद पड़े सीसीटीवी की मरम्मत का काम दो ठेकेदारों को दिया गया है. राज्य सरकार की ओर से सोमवार को अदालत में दिए गए हलफनामों में कहा गयाकि राज्य में फिलहाल 1089 पुलिस स्टेशन हैं. जिनमें से 547 पुलिस स्टेशनों में 6092 सीसीटीवी लगाए जा चुके हैं. इनमें से 5639 सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं. शेष बंद पड़े हैं. ठेकेदारों को बंद सीसीटीवी की मरम्मत 15 दिन के भीतर करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस स्टेशनों में वायरिंग हो गई है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते भुगतान न होने पर काम बंद था. जनवरी में भुगतान किया गया है जिसके बाद काम फिर से शुरु हुआ है. इस पर खंडपीठ ने कहा कि आदेश के बाद ही यह कदम उठाए जा रह हैं उससे पहले कुछ नहीं हो रहा था.

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