महाराष्ट्र

एसटी महामंडल मामले में राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में कहा

कैबिनेट बैठक में मंजूरी के बाद सार्वजनिक होगी रिपोर्ट

* मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने सौंप दी है रिपोर्ट
मुंबई/दि.26- राज्य सरकार ने शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचित किया है कि महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल (एसटी महामंडल) के कर्मचारियों की मांग को लेकर तैयार रिपोर्ट को मंत्रिमंडल की मंजूरी की जरुरत पड़ेगी. लिहाजा मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद रिपोर्ट पेश की जाएगी. राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एस.नायडू ने हाई कोर्ट को यह जानकारी दी है.
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के समक्ष याचिका सुनवाई के लिए आयी. इस दौरान सरकारी वकील ने कहा कि कर्मचारियों की मांग को लेकर तैयार की गई रिपोर्टसे वित्तीय पहलू जुड़ा है. इसलिए मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद रिपोर्ट पेश की जाएगी. इसके लिए सरकार को थोड़ा वक्त दिया जाये. उन्होंने कहा कि महामंडल के विलीनीकरण की मांग को छोड़ दिया जाये तो राज्य सरकार ने कर्मचारियों की बहुत सी मांगें मान ली है. खंडपीठ ने कहा कि हम इस मामले के समाधान के लिए बीच का रास्ता ढूंढ रहे हैं. खंडपीठ ने फिलहाल इस याचिका पर सुनवाई 11 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है.
* विलीनीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं कर्मचारी
एसटी महामंडल के कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान समझा जाए. इस मांग को लेकर कुछ कर्मचारी अभी भी हड़ताल पर हैं. कुछ काम पर वापस लौट आये हैं. कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाने के लिए महामंडल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कर्मचारियों की मांग पर विचार करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव सहित तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मुख्यमंत्री की राय के साथ कमेटी की रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था.
* बड़ी संख्या में हड़ताल पर हैं कर्मचारी : महामंडल
इससे पहले एसटी महामंडल की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता जीएस हेगडे ने कहा कि करीब 27 हजार कर्मचारी काम पर लौट आए हैं. अभी भी बड़ी संख्या में कर्मचारी हड़ताल पर हैं. जिसके चलते ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. महामंडल ने कर्मचारियों के हित के लिए कदम उठाए हैं.
* अब तक 92 एसटी कर्मचारियों ने की आत्महत्या
हड़ताली कर्मचारियों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सदाव्रते गुणरत्ने ने कहा कि कर्मचारी अहिंसक रुप से आंदोलन कर रहे हैं. अब तक 92 कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं. इसलिए एसटी के कर्मचारी अपने साथी कर्मचारियों के शोक में हैं. कर्मचारियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. अब तक एसटी कर्मचारियों की मांग को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट को सामने नहीं लाया गया है. उन्होंने कहा कि 176 विधायकों ने कर्मचारियों की मांग का समर्थन करते हुए सरकार को पत्र लिखा है. दो मंत्रियों ने भी कर्मचारियों की मांग का समर्थन किया है.

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