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शहरी क्षेत्र में गृहनिर्माण संस्थाओं का अकृषक कर होगा माफ

शिंदे-फडणवीस सरकार ने दिए सकारात्मक संकेत

मुंबई/दि.24 – शहरी क्षेत्र की गृहनिर्माण संस्थाओं को बहुत जल्द राज्य सरकार की ओर से बडी राहत मिलने की उम्मीद नजर आ रही है. क्योंकि राज्य सरकार द्बारा इन संस्थाओं पर लगाए जाने वाले अकृषक कर यानि एनए टैक्स को माफ किए जाने की संभावना है. ऐसे संकेत राज्य के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील द्बारा दिए गए है. साथ ही उन्होंने इस बात को लेकर भी आश्वस्त किया कि, बजट सत्र के समाप्त होने से पहले इस संदर्भ में निर्णय लिया जाएगा.
इस संदर्भ में मंत्री विखे पाटील ने कहा कि, कई विधायकों व गृह निर्माण संस्थाओं ने अकृषक कर को रद्द करने के संदर्भ में मांग की है. जिस पर फिलहाल विचार जारी है. राजस्व महकमें ने इस संदर्भ में इस क्षेत्र के कई लोगों से बात करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसका अध्ययन करने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा. यह निर्णय लिए जाने के चलते शहरी क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में आकार ले रही गृह निर्माण संस्थाओं को इसका सर्वाधिक लाभ पहुंचेगा, क्योंकि दिनोंदिन शहरी क्षेत्रों का विस्तार हो रहा है और शहरी क्षेत्र के आसपास स्थित ग्रापं क्षेत्रों को मनपा या नप क्षेत्र में शामिल किया जा रहा है. जहां कृषि योग्य भूमि को अकृषक भूमि में रुपांतरीत करते हुए रिहायशी इलाकों के तब्दील किया जा रहा है और इसके लिए संबंधित गृह निर्माण संस्थाओं के अकृषक कर वसूल किया जाता है. साथ ही कई गृहनिर्माण संस्थाओं द्बारा अपने सदस्यों से एकमुश्त अकृषक कर भरने के बाद भी प्रतिवर्ष अकृषक कर के नाम पर शुल्क वसूल किया जाता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा कोई टैक्स लागू ही नहीं है. जिसके चलते विगत लंबे समय से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के बीच रहने वाले इस भेदभाव को खत्म करते हुए अकृषक कर को रद्द किए जाने की मांग की जा रही है.

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