पुणे./ दि.23 – युक्रेन, रशिया वाद की वजह से दुनियाभर के तेल उत्पादन में कमी आयी है. जिसकी वजह से खाद्य तेलों के दाम प्रति कनस्तर पर 100 से 200 रुपए की बढोत्तरी हुई है तथा इंडोनेशिया और मलेशिया इन पॉम तेल के निर्यातक देशों व्दारा पॉम तेल के दामों में 50 से 60 डॉलर बढा दिए जाने पर भी दामों की वृद्धी में इसका असर पडा है.
भारत खाद्य तेल के आयात पर ही निर्भर है. पेट्रोल के पश्चात अब देश में सर्वाधिक खाद्य तेल का आयात किया जाता है. जागतिक बाजार में चीन के बाद तेल आयात में भारत का दूसरा क्रमांक है. पॉम तेल के दाम बढा दिए जाने पर व युके्रन व रशिया के बीच चल रहे विवाद का असर देश में खाद्य तेलों के दामों पर पडा है. देश में हर साल 225 लाख टन तेल की आवश्यकता होती है. संपूर्ण देशभर में साधारत: 80 लाख टन तेल की निर्मिती की जाती है.
बाजारों में तेल के दामों की बदलती परिस्थिति
तेल के प्रकार दिसंबर 2021 फरवरी 2022
सूर्यफूल तेल 1950 -2080 2120-2220
सोयाबीन तेल 1800 – — 2000-2170
सरकी तेल 1840-1850 270-2100
वनस्पती 1850-2170 2150-2500
पॉम तेल 2000- — 2180-2250
मूंगफल्ली तेल 2350-2400 2450- —-
यहां से होती है आवक
सूर्यफूल रशिया, युक्रेन
सायोबीन अजर्ेंटिना, ब्राजील
पॉम तेल इंडोनेशिया, मलेशिया,
मूंगफल्ली महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू