आपसी विवाद को निपटाने ‘सलोखा’ को समयावृद्धि
राज्य सरकार ने दो साल की मुदत बढाई, किसानों को होगा लाभ

अमरावती /दि.2– कृषि भूमी के ताबे व वहीवाटी को लेकर किसानों के आपसी विवाद को मिटाने तथा समाज में सौहार्द बनाने के साथ ही एक-दूसरे के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए सरकार ने ‘सलोखा’ नामक योजना शुरु की है, जिसे दो वर्ष की समयावृद्धि दी गई है. ताकि इस योजना का लाभ उठाते हुए किसान अपने आपसी विवादों को मिटा सके.
जिले में जमीन के हिस्से व बंटवारे को लेकर रहनेवाले विवाद के कई मामले विगत अनेक वर्षों से प्रलंबित पडे है. जिसके तौर पर मालकी हक्क, जमीन के ताबे, पदडंडी रास्ते, खेत जमीन की मोजणी, अभिलेख में रहनेवाली त्रुटियां, खेतों पर अतिक्रमण, खेत वहीवाट व हिस्सेदारी जैसे विविन्न मुद्दों को लेकर खेत जमीनों से संबंधित विवाद होते है. ऐसे में किसानों के बीच रहनेवाले आपसी विवाद को मिटाने हेतु तथा समाज में सामंजस्य बनाते हुए शांतता स्थापित करने हेतु सरकार ने ‘सलोखा’ योजना शुरु की है.
* सामंजस्य होता है स्थापित
विवाद वाले मामले में मुद्रांक शुल्क के तौर पर मात्र एक हजार रुपए व पंजीयन शुल्क के तौर पर एक हजार रुपए लेते हुए मुद्रांक शुल्क व पंजीयन शुल्क में सहुलियत दी जाती है. जिसके चलते किसानों के विवाद मिटाकर सामंजस्य स्थापित करने का काम किया जाता है.
* जमीन के लिए दूर हो रहे रिश्ते
कई स्थानों पर जमीन से संबंधित विवादों के चलते रक्त संबंध वाले रिश्तों में दुश्मनिया पैदा होने की घटनाएं होती है. खेत की मेड सहित एक-दो गुंठे जमीन के लिए किसानों के बीच मारपीट वाली घटनाएं घटित है. जिनमें कई बार लोग घायल होने के साथ ही मारे भी जाते है, ऐसी घटनाओं को टालने के लिए राज्य सरकार ने ‘सलोखा’ योजना शुरु की है.
* दो साल में कई लोगों ने लिया लाभ
सन 2023 से 2025 की कालावधि दौरान अमरावती जिले के कई किसानों ने सलोखा योजना का लाभ लिया है. सभी किसानों को सलोखा योजना अंतर्गत मुद्रांक व पंजीयन शुल्क में छुट दी गई है.
* प्रतिसाद को देखते हुए समयावृद्धि
कृषि भूमी के ताबे व हिस्से को लेकर किसानों से बीच होनेवाले आपसी विवाद को मिटाने हेतु तथा समाज में सौहार्द निर्माण करने हेतु सरकार ने इस योजना को लागू करने के साथ ही इसे समयावृद्धि भी दी है. ताकि अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ ले सके.
– एक-दूसरे के नाम पर रहनेवाली कृषि भूमी का ताबा रहनेवाली कृषि भूमी धारक के अदलाबदल दस्तावेज हेतु नाममात्र मुद्रांक शुल्क लिया जाता है. परंतु इसके बावजूद विगत दो वर्ष की कालावधि के दौरान कुछ गिने-चुन किसानों ने ही इस योजना का लाभ लिया है. जमीन को लेकर होनेवाले विवादों की तुलना में सलोखा योजना का लाभ लेनेवाले किसानों की संख्या काफी कम है. अत: ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना का लाभ ले सके. इस बात को मद्देनजर इस योजना को समयावृद्धि दी गई है.
* 1 जनवरी 2027 तक लागू रहेगी योजना
* 1 जनवरी 2023 से यह योजना दो साल के लिए लागू की गई है. वहीं अब सरकार ने इस योजना को समयावृद्धि देने का निर्णय लिया है. जिसके तहत 7 अप्रैल को इस योजना हेतु दो साल की समयावृद्धि दी गई है. जिसके चलते यह योजना 1 जनवरी 2027 तक लागू रहेगी, ऐसी जानकरी जिला सहनिबंधक कार्यालय द्वारा दी गई है.