मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण हेतु दिया मुआवजा बढ़ाए
गोदरेज द्वारा दायर याचिका पर एक माह के भीतर निर्णय लेने के हाईकोर्ट के निर्देश
मुंबई/दि.12- मुंबई हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार को गोदरेज द्वारा दायर याचिका पर एक माह के भीतर निर्णय लेने के निर्देश दिए है. याचिका में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए विक्रोली में गोदरेज की जमीन के अधिग्रहण के लिए दिए गए मुआवजे को बढ़ाने की मांग की गई है.
न्यायमूर्ति बी.पी. कोलाबावाला व न्या. एम.एम. सथाये की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को गोदरेज कंपनी की याचिका पर सुनवाई हुई. याचिका में मुंबई उपनगरीय जिला कलेक्टर को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुर्नस्थापन के मामले में निर्देश की मांग की गई थी. साथ ही कंपनी ने याचिका में मुआवजा बढ़ाने की मांग की है. खंडपीठ ने राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों को कंपनी के आवेदन पर 30 दिन में निर्णय लेने का निर्देश दिया है. कंपनी और सरकार 2019 से बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए मुंबई के विक्रोली इलाके में कंपनी के स्वामित्व वाली भूमि के अधिग्रहण को लेकर कानूनी विवाद में उलझी हुई है. गोदरेज की दलील है कि शुरुआत में मुआवजा 572 करोड़ रुपए तय किया गया था. लेकिन जब अंतिम निर्णय पारित किया गया, तो मुआवजा राशि घटाकर 264 करोड़ रुपए कर दी गई. कंपनी अब मुआवजा राशि बढ़ाकर 993 करोड़ रुपए करने की मांग कर रही है. इस साल फरवरी में अदालत ने अधिग्रहण कार्रवाई को चुनौती देने वाली कंपनी द्वारा दायर एक याचिका खारिज कर दी. खंडपीठ ने तब यह भी कहा था कि कंपनी उसे दिए गए मुआवजे को बढ़ाने की मांग कर सकती है.