महाराष्ट्र

संचारबंदी में ढील देते समय यातायात सुविधाएं भी बढ़ाए

उच्च न्यायालय के निर्देश

मुंबई./दि.२१ – लोगों की असुविधाओं को टालने और कोरोना की पृष्ठभूमि पर नियमों को अमल में लाने के लिए संचारबंदी में ढील देते समय यातायात सेवा उसी प्रमाण में बढ़ाने का प्रयास करने के निर्देश उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार को दिए. संचारबंदी के नियमों में ढील देते समय जिन-जिन क्षेत्रों को खोलने की अनुमति दी जारही है. उन क्षेत्रों में काम करनेवालों को लोकल से सफर करने की सहूलियत मिलनी चाहिए. यह स्पष्ट जानकारी मुख्य न्यायाधीश दिपांक दत्ता और न्यायधीश गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ में दी है. उच्च न्यायालय में प्रत्यक्ष सुनवाई के लिए मौजूद रहनेवाले वकीलों की तरह कनिष्ठ न्यायालय के वकीलों ने लोकल से सफर करने की अनुमति देने की मांग वकीलों के संगठन ने याचिका द्वारा की है. जिस पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान संचारबंदी में ढील देेते समय कितनी लोकल फेरिया बढ़ाई गई, कौन से समय पर वह बढ़ाई गई है या नहीं इस बारे में न्यायालय ने पूछताछ की. जिस पर बढ़ाई गई लोकल फेरियों की जानकारी देते हुए बताया गया कि लोकल भीड़ बढऩे पर ही बढ़ाए जाने की जानकारी रेल विभाग की ओर से न्यायालय में दी गई. हीं बसों की संख्या भी बढ़ाए जाने की जानकारी सरकार की ओर से न्यायालय को दी गई. न्यायालय ने आंकडेवारी को लेकर असंतोष जताते हुए संचारबंदी में ढील और यातायात सेवा की उपलब्धता समान होने की जानकारी दी. कार्यालय के समय बदलने को लेकर संबंधित क्षेत्र के लोगों, मंत्रियों की बैठक अब तक नहीं ली गई है. लेकिन वह जल्द ही ली जायेगी. यह भी जानकारी सरकार की ओर से दी गई.

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