बढ़ रहे खसरे के मामले, अब तक 18 बच्चों की मौत
सरकार का टीकाकरण पर जोर, टास्क फोर्स की बैठक में रोकथाम पर विचार
मुंबई दि.5– राज्य में खसरे से 18 बच्चों की मौत हो चुकी है. संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 12 हजार 841 पहंच गई है. खसरे के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए आज खसर टास्क फोर्स की विशेष बैठक बुलाई गई. जिसमें इसकी रोकथाम को लेकर विचार किया जाएगा. राज्य सरकार की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में खसरे के 96 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. संदिग्ध और पुष्ट मामलों को मिलकर 823 बच्चे इलाज के बाद पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं. 18 बच्चों की मौत हो गई है. जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें से सिर्फ एक को खसरे का टीका दिया गया है. टीके के जरिए खसरे से बचाव किया जा सकता है. इसलिए सरका ने लोगों से अपील की है कि वे अपने 9 महीने से 5 साल तक की आयु के बच्चों को खसरे का टीका जल्द लगवाये. खसरे से बचाव के लिए दो टीके लगवाने होते हैं. पहला टीका 9 महीने से 12 महीने तक व दूसरा टीका 16 महीने से 24 महीने के बीच लगता है. टीके लगवाने में मुस्लिम समाज के कुच लोगों की आनाकानी के मद्द्ेनजर लोगों को समझाने बुझाने के लिए मौलानाओं का भी सहारा लिया जा रहा है. साथ ही प्रशासन सामाजिक संगठनों की भी मदद ले रहा है.
* स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके की 13 लाख 53 हजार 820 खुराक मौजूद
सरकार के मुताबिक राज्य में स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके की 13 लाख 53 हजार 820 खुराक मौजूद है. जो पांच साल से कम आयु के ऐसे बच्चों के लिए पर्याप्त है जिन्हें अभी तक टीके नहीं लगाए गए हैं. ज्यादा से ज्यादा बच्चों को टीके लगाए जा सके, इसके लिए अक्तूबर और नवंबर महीनों के दौरान राज्य में 2974 विशेष सत्र आयोजित किए गए. खासकर कुपोषण प्रभावित इलाकों में बच्चों के टीकाकरण के लिए खास अभियान चलाए जा रहे हैं.
* मुंबई है सबसे प्रभावित
देश और राज्य की आर्थिक राजधानी के बच्चों में खसरे का प्रकोप सबसे ज्यादा है. इससे जान गंवाने वाले बच्चों में 12 मुंबई के ही है. इसके अलावा भिवंडी में 3, ठाणे में 2 और वसई में 1 बच्चे की मौत खसरे के चलते हुई है. खसरे के सबसे ज्यादा 4508 संदिग्ध मरीज भी मुंबई में ही है.
साल दर साल बढ़ रहे खसरे के मामले
साल संदिग्ध मामले मौत
2019 1337 3
2020 2150 3
2021 3668 2
2022 12841 18