महाराष्ट्र

प्रदेश में कोरोना मरीजों की बढ रही संख्या, नहीं खोले जाएगें प्रार्थनास्थल

राज्य सरकार ने मुुंबई हाईकोर्ट में कहा

मुंबई/दि.९ – राज्य में कोरोना मरीजों की बढ रही संख्या को देखकर राज्य के प्रार्थनास्थल व मंदिर नहीं खोले जाएगें. ऐसा मंगलवार को सरकार द्वारा मुंबई हाईकोर्ट को सूचित किया गया. सरकार द्वारा कहा गया है कि प्रार्थनास्थलों को खोलना उचित समाधान नहीं है और इसमें कोई ग्यांटरी भी नहीं है कि लोग सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करेंगे. ऐसी जानकारी महाअधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने मुंबई हाईकोर्ट को दी. महा अधिवक्ता कुंभकोणी ने कहा कि सरकार ने प्रार्थनास्थल खोलने के सुझाव पर विचार किया किंतु मरीजों की बढती हुई संख्या को देखकर प्रार्थना स्थलोें को न खोलने का निर्णय लिया है.

सरकार द्वारा कहा गया है कि जब तक कोरोना की स्थिति में सुधार नहीं आ जाता तब तक राज्य के सभी प्रार्थनास्थल व मंदिर बंद ही रहेगें. इस मामले पर हाईकोर्ट ने सुनवायी एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. बता दें कि राज्यभर के प्रार्थनास्थल व मंदिर खुले जाने की मांग को लेकर गैरसरकारी संस्था एसो. ऑफ एडिंग जस्टिस ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि सामाजिक दूरी की समित संख्या व सर्तकता से जुडे दूसरे सभी नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जाए. याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि कोरोना के बावजूद भी आंध्रप्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर भाविकों के लिए खोला जा चुका है. यह मंदिर काफी विशाल है भाविक भी ज्यादा संख्या में यहां देशभर से आते है. राज्यसरकार राज्य के सभी प्रार्थनास्थलो को खोले जाने की अनुमति प्रदान करें.

गणेश उत्सव में निर्देशों का पालन नहीं हुआ

प्रार्थना स्थल खोले जाने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसमें राज्य सरकार की ओर से महा अधिवक्ता द्वारा हलफनामा तैयार किया गया था. जिसमें सरकार द्वारा कहा गया है कि सरकार को राज्य में गणेशोत्सव के दौरान जो अनुभव आया वह अच्छा नहीं रहा. गणेशोत्सव को लेकर राज्य सरकार ने निर्देश जारी किए थे जिनका पालन करने की लोगों ने जिम्मेदारी ली थी किंतु जिम्मेदारी निभायी नहीं गई. जगह-जगह पर भीड दिखायी दी. खासतौर पर बाजारों में भीड बढने से मरीजों की संख्या बढी. साथ ही यह भी कहा गया है कि आंध्रप्रदेश के तिरुपति मंदिर को खोले जाने के पश्चात यहां भी मरीजों की संख्या बढी है.

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