किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसी है फर्टिलाइजर की कीमतों में बढ़ोतरी
शरद पवार ने केंद्र से की फैसला वापस लेने की मांग
मुंबई/दि. 18 – कोरोना संकट काल में रासायनिक उर्वरकों की कीमतों में इजाफा हुआ है. इससे किसानों की परेशानियां बढ़ गई है. केंद्र सरकार इन परेशानियों को समझ कर तुरंत रासायनिक उर्वरकों की बढ़ी हुई दरों को वापस ले. ये मांग राज्य के कृषि मंत्री दादा भुसे ने की थी. अब एनसीपी प्रमुख व पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार इस मांग को लेकर मुखर हो गए हैं और उन्होंने केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा को पत्र लिखकर उर्वरक की कीमतों में हुई वृद्धि के प्रति अपना विरोध दर्शाया है. पेट्रोल की कीमत 100 पार कर रही है. राज्य में लॉकडाउन लगा है. ऐसे वक्त में किसान पहले से ही संकट में फंसा हुआ है. उस पर उर्वरक की कीमतों में वृद्धि करके केंद्र सरकार ने किसानों को और भी ज्यादा गहरे संकट में धकेल दिया है. केंद्र सरकार के इस कदम पर विपक्ष आक्रामक हो गया है. अब शरद पवार ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिख कर किसानों की व्यथा बताई है.
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शरद पवार ने क्या लिखा है पत्र में?
शरद पवार ने केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि किसानों की परेशानियों की गंभीरता को समझ कर तुरंत राहत दी जाए. उन्होंने पत्र में लिखा है कि लॉकडाउन के संकट में फंसे किसानों के जख्मों पर नमक डालने का काम केंद्र सरकार ने किया है. केंद्र का यह निर्णय अत्यंत निराशाजनक है और इस निर्णय को जल्द से जल्द वापस लिया जाए.
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रोहित पवार ने भी किया कटाक्ष
एनसीपी नेता रोहित पवार ने भी केंद्र निर्णय के इस निर्णय पर लिखा है कि उर्वरक के दाम बढ़ा कर किसान सम्मान निधि के पैसे तुगलकी तरीके से ब्याज सहित वसूल करने की कोशिश में तो नहीं लगी है मोदी सरकार? आगे उन्होंने लिखा कि कोरोना काल में उद्योगों की कमर टूट गई है. बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए खेती ही जीविका का एकमात्र आधार बचा है. ऐसी परिस्थिति में उर्वरक की कीमतें बढ़ाई गई हैं. यह कहीं से भी उचित नहीं है. राज्य के कृषि मंत्री दादा भुसे ने कहा कि उर्वरकों की कीमतें 700 से 800 रुपए तक बढ़ा दी गई हैं. कोरोना की स्थिति को देखते हुए इसे तुरंत वापस लिया जाए. राज्य के जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील ने कहा है कि पेट्रोल की कीमत तेजी से बढ़ने की हर भारतीय को चोट पहुंची है और अब उर्वरक की कीमतें बढ़ाने का पाप केंद्र सरकार ने किया है. कोरोना से पहले ही पिस चुके किसानों के सर पर यह उर्वरक की कीमत वृद्धि के बोझ ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. जयंत पाटील ने इस मुद्दे पर आंदोलन खड़ा करन की भी चेतावनी दी है.