महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में भी बदलाव के लिए की जानी चाहिए पहल
साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में शुद्ध राजनीति पर बोले राउत
मुंबई/दि.4 – शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि, सालों से सत्ता की कुर्सी पर कब्जा जमाए हुए लोगों को हटाए बिना राजनीति शुद्ध नहीं होगी. गुजरात और पंजाब में मुख्यमंत्री के बदलने के साथ ही मंत्रिमंडल में बडा फेरबदल हुआ है. किसी समय महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल में भी बदलाव के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस के विधानमंडल दल नेता तथा प्रदेश के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात को यह पहल करनी होगी.
शिवसेना के मुखपत्र सामना के सप्ताहिक स्तंभ रोखठोक में राउत ने कहा कि, उत्तर प्रदेश, गुजरात समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव देश का भविष्य तय करेंगे. गुजरात में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट को एक झटके में बदल दिया. गुजरात की तरह कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने पंजाब में अलग ढंग से प्रयोग किया. खुद को पंजाब समझने का गुमान रखने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को राहुल ने बदल दिया. कांग्रेस ने पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल में कई नए चहरों को मौका दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में लगभग सभी स्थापित लोगों को घर में बैठा दिया था.
सत्ता के आसपास कई वर्षों तक वही चेहरे देखे जाते हैं तो वे तिरस्कार के पात्र बन जाते हैं. इससे असंतोष बढता है. राउत ने कहा कि, वैसे मुख्यमंत्री अमरिंदर को पद से हटाने के खिलाफ अभियान चलाने वाले कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्ध कुछ ज्यादा ही अविश्वसनीय निकले. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से ही इस्तीफा देने वाले सिद्धू ऐसे बेचैन और अतृप्त आत्मा हैं जिन्हें देश का राष्ट्रपति पद भी दे दिया जाए तो भी वे बेचैन और असंतुष्ट ही रहेंगे.
-
कर्नाटक पर चुप क्यों महाराष्ट्र सरकार
कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में बेलगाम में केवल 15 प्रतिशत मराठी भाषी नागरिक होने के दावे पर शिवसेना सांसद राउत ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. उन्होंने कहा कि, कर्नाटक सरकार सीमावर्ती इलाकों में मराठी भाषी लोगों के साथ लगातार अन्याय करती नजर आ रही है. मुझे समझ में नहीं आता कि, आखिर महाराष्ट्र सरकार चुप क्यों बैठी है? महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद के समन्वयक मंत्री व प्रदेश के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे और खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल को कर्नाटक का दौरा करना चाहिए.