महाराष्ट्र

कोरोना कंट्रोल करने में ‘मुंबई मॉडल’ बना प्रेरणा

SC के बाद नीति आयोग ने भी BMC का लोहा माना

मुंबई/दि. 10 –  कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत में मुंबई में स्थिति भयावह थी. एक-एक दिन में 11 हजार से भी ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ रहे थे. अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे थे. ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और वेंटिलेटर्स की कमी का संकट था. लेकिन फिर स्थिति बदली. मुंबई महानगरपालिका प्रशासन के विजन और दृढ़ निश्चय ने अपना काम किया. अब मुंबई में एक महीने से कोरोना संक्रमण बिलकुल कंट्रोल में आ चुका है. नए पॉजिटिव केस 3 हजार से कम आ रहे हैं और हर रोज नए कोरोना मरीजों की तुलना में ठीक होने वाले लोगों की संख्या ज्यादा सामने आ रही है. इस चमत्कार को नमस्कार पहले सुप्रीम कोर्ट ने किया और अब नीति आयोग ने भी ‘मुंबई मॉडल’ को प्रेरणा के तौर पर स्वीकार किया है.
बीएमसी ने एक निश्चित योजना बनाकर और उसपर सख्ती से अमल कराकर कोरोना को आज कामयाबी के साथ कंट्रोल किया है. अलग-अलग विभागों और अस्पतालों से एक समन्वय का सिस्टम डेवलप कर बेड, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी दूर की गई है. देश भर में लगातार हो रहे ऑक्सीजन के संकट को देखते हुए मुंबई की ऑक्सीजन वितरण प्रणाली की आज सबसे ज्यादा तारीफ की जा रही है. सर्वोच्च न्यायालय ने खास तौर से इसका ज़िक्र किया और दिल्ली और केंद्र सरकार को ‘मुंबई मॉडल’ से सीख लेने की नसीहत दे डाली. अब नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी मुंबई महानगरपालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल की प्रशंसा की है.

  • ‘मुंबई मॉडल’ है प्रेरणा, BMC टीम का अभिनंदन

बीएमसी आयुक्त की प्रशंसा करते हुए अमिताभ कांत ने एक ट्वीट किया है. ट्वीट में उन्होंने लिखा है के केंद्रीय पद्धति से बेड का वितरण करना, ऑक्सीजन की उपलब्धता का सही अंदाज लगाना, इतना ही नहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी बेड्स का वितरण करना और उनपर निगरानी रखने के लिए डैशबोर्ड तैयार करना, मरीजों का हाल-चाल जानने के लिए वॉर रूम तैयार करना. इन सबसे तैयार  कोविड मैनेजमेंट का ‘मुंबई मॉडल’ प्रेरणा बना है. इसके लिए मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त इकबाल सिंह चहल और उनकी ग्रेट टीम का अभिनंदन है. कुछ इस तरह से नीति आयोग ने मुंबई महानगरपालिका और उसके आयुक्त की तारीफ की है. दिल्ली में ऑक्सीजन कमी के संकट पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने मुंबई के कोरोना मैनेजमेंट मॉडल का जिक्र किया था. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम.आर.शाह की दो सदस्यों वाली खंडपीठ ने यह निर्देश दिया था कि केंद्र सरकार यह जानकारी हासिल करे कि क्या मुंबई महानगरपालिका का कोरोना मैनेजमेंट मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी उपयोगी हो सकता है? सर्वोच्च न्यायालय ने खास तौर से मुंबई महानगरपालिका के ऑक्सीजन वितरण व्यवस्था से सीख हासिल करने की नसीहत दी थी. मुंबई में कोरोना के मामले में सबसे अच्छा संकेत यह है कि यहां कोरोना से ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) 91 प्रतिशत हो गई है. कोरोना संक्रमण की संख्या दुगुनी होने की अवधि भी बढ़ कर 153 दिन पर पहुंच गई है. मुंबई में एक दिन में 32 हजार 590 लोगों की टेस्टिंग हुई. इनमें से 2 हजार 403 नए पॉजिटिव केस ही सामने आए. साथ ही 3 हजार 375 मुंबईकर्स कोरोना से ठीक होकर घर गए. यानी रविवार भी ठीक होने वालों की संख्या नए केस से ज्यादा रही. पिछले एक महीने से मुंबई ने यह कमाल बरकरार रखा हुआ है. मुंबई में 2 मई से 8 मई के बीच कोरोना संक्रमण वृद्धि की दर सिर्फ 0.44 फीसदी रही. यह बहुत ही अच्छा संकेत है. फिलहाल मुंबई में 47 हजार 416 सक्रिय केस हैं और अब तक 6 लाख 13 हजार 418 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं.

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