45 शक्कर कारखाने बंद करने का निर्देश
पर्यावरण कानून का उल्लंघन होने के चलते केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की कार्रवाई
हिंगोली/दि.27– पर्यावरण संरक्षण कानून का उल्लंघन किए जाने के मामले में राज्य के 45 सहकारी शक्कर कारखानों को बंद करने का निर्देश केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के नाम जारी किया है. बंद किए जाने वाले शक्कर कारखानों में केंद्रीय रेल्वे राज्यमंत्री रावसाहब दानवे के भोकरदन स्थित रामेश्वर सहकारी शक्कर कारखाना व हिंगोली के शिवसेना (शिंदे गट) सांसद हेमंत पाटिल के वसंत सहकारी शक्कर कारखाना का समावेश है.
राज्य में 210 सहकारी शक्कर कारखाने है. जिसमें केवल 105 कारखाने गन्ना गलाई का सीजन चलाते है. पर्यावरण कानून का पालन नहीं करने वाले कारखानों को इससे पहले वर्ष 2016, 2019, 2020 व 2021 में भी नोटीस जारी की गई थी. पर्यावरण संरक्षण कानून की धारा 5 के तहत किसी भी शक्कर कारखाने को बंद करने कारखाने की बिजली व पानी आपूर्ति को रोकने तथा अन्य किसी भी सुविधा को शुुरु अथवा बंद करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है. जिसके अनुसार यह कार्रवाई किए जाने की बात केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से भेजे गए पत्र में कहीं गई है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि, इन सभी 45 कारखानों को भेंट देते हुए वहां की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया जाए तथा नियम व कानून का गंभीर उल्लंघन करने वाले कारखानों को बंद करने की प्रक्रिया निश्चित करने के साथ ही उनके विद्युत कनेक्शन तोडने का निर्देश महावितरण को दिया जाए. इसके अलावा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल का आदेश रद्द हुए बिना इसमें से किसी भी कारखाने में गन्ना गलाई का काम शुुरु न हो सके. इस बात की ओर भी नजर रखी जाए. इन सबके साथ ही शक्कर कारखानों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट 10 नवंबर तक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के समक्ष पेश की जाए.
* केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जिन÷45 सहकारी शक्कर कारखानों को बंद करने का आदेश जारी किया है. उनमें से केवल 6 या 7 कारखाने ही शुरु है और बाकी के कारखाने पहले से बंद पडे है. ऐसे में इस आदेश के जरिए 45 कारखाने बंद हो जाएंगे और गन्न गलाई कम हो जाएंगी. इसे लेकर डरने या घबराने की कोई जरुरत नहीं है. क्योंकि ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा, बल्कि इस आदेश का गन्ना गलाई का कोई परिणाम नहीं पडेगा.
– जयप्रकाश दांडेगांवकर,
अध्यक्ष, राष्ट्रीय शक्कर महासंघ