मराठा आरक्षण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में हस्तक्षेप याचिका दाखिल
समाज को ५० फीसदी आरक्षण दिलाने की गई बिनती
अहमदनगर प्रतिनिधि/दि.२४ – उच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य के ओबीसी आरक्षण की जांच कर मराठा समाज को ५० फीसदी आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार को आदेश दिये जाये. यह बिनती करने वाले हस्तक्षेप याचिका शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की गई है. राज्य के एसईबीसी वेलफेअर एसोसिएशन की ओर से पीली व केसरी रेशन कार्ड धारक परिवार के सव्वा आठ सौ सदस्यों की ओर से यह याचिका दायर किये जाने की जानकारी वेलफेअर के निमंत्रक डॉ. बालासाहब सराटे ने दी. श्रीराम पिंगले याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखेंगे. सराटे ने कहा कि, घटनावाह्य कारणों से किसी पात्र वर्गों को अनेक वर्षों से आरक्षण के लाभ से दूर रखा गया है, तो विशेष हालातों को देखते हुए तत्काल आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए. यह इंद्रा सहानी मामले में कानूनन स्पष्ट व्याख्या की गई है. मुंबई उच्च न्यायालय ने इंद्रा सहानी के नतीजों का सम्मान रखते हुए मराठा समाज विधिवत आरक्षण के लिए पात्र होने से उसे आरक्षण का लाभ तत्काल दिया जाना चाहिए. मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए विशेष हालात बन चुके है. यह उच्च न्यायालय ने भी मान्य किया है. इसके अलावा ३२ फीसदी ओबीसी आरक्षण की पुन: जांच कर अनेक वर्ष लाभ लेकर विकसित हुई जातियों को आरक्षण से बाहर निकालकर ५० फीसदी एसईबीसी आरक्षण समायोजित किया जाये. यह भी उच्च न्यायालय ने परिच्छेद १७६ में दी है. जिसके अनुसार अमल करने के अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिये जाये व आरक्षण की स्थगिती हटाने की मांग याचिका में की गई है.