* दारुबंदी रहने वाले वर्धा जिले का मामला
वर्धा /दि.26– पुलगांव पुलिस ने स्थानीय सरकारी अस्पताल में कार्यरत रहने वाले डॉ. प्रवेश धामणे व डॉ. माणिकलाल राउत के खिलाफ शराब पीकर ड्यूटी पर उपस्थित होने का मामला दर्ज किया है. इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवा उपसंचालक डॉ. कंचन वानरे ने स्वास्थ्य सेवा के सहायक संचालक डॉ. प्रमोद गवई को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया है तथा आगे की कार्रवाई के लिए इस जांच की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
इस संदर्भ में पुलगांव के सामाजिक कार्यकर्ता अंकुश कोचे द्वारा दी गई शिकायत के मुताबिक पुलगांव के ग्रामीण अस्पताल में अक्सर ही डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर उपस्थित नहीं रहते. यहीं वजह है कि, विगत दिनों एक परिवार जब अपने बच्चे को इलाज के लिए पुलगांव के ग्रामीण अस्पताल में लेकर पहुंचा, तो ड्यूटी पर तैनात नर्स ने अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहने की बात कहते हुए बच्चे का इलाज करने से मना कर दिया. यह बात पता चलते ही अंकुश कोचे ने जिला शल्यचिकित्सक डॉ. सचिन तडस को फोन करते हुए इस बारे में सूचित किया. पश्चात सीएस डॉ. तडस के कहने पर डॉ. धमणे व डॉ. राउत को अस्पताल पहुंचने हेतु अस्पताल पहुंचे, लेकिन उस समय इन दोनों डॉक्टरों ने शराब पी रखी थी. साथ ही इन दोनों डॉक्टरों की कार में भी शराब की एक बोतल पायी गई. विशेष उल्लेखनीय है कि, वर्धा जिले में पूर्ण शराबबंदी लागू है. जिसके बावजूद सरकार अस्पताल के दो डॉक्टर शराब के नशे में धूत थे. साथ ही अपने वाहन में शराब लेकर भी घूम रहे थे. इस बात की ओर ध्यान जाते ही सामाजिक कार्यकर्ता अंकुश कोचे ने तुरंत इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठाधिकारियों से की और इसकी सूचना पुलगांव पुलिस थाने को भी दी. जिसके उपरान्त दोनों डॉक्टरों के खिलाफ ड्यूटी में लापरवाही व कोताही का मामला दर्ज करने के साथ ही उनकी मेडिकल जांच कराई गई. वहीं स्वास्थ्य महकमें ने भी अपने स्तर पर विभागीय जांच शुरु कर दी है.
इस पूरे मामले को लेकर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य सेवा सहसंचालक डॉ. प्रमोद गवई ने कहा कि, उन्होंने रविवार को ही पुलगांव के ग्रामीण अस्पताल को भेंट देते हुए संबंधितों से आवश्यक पूछताछ की है और उनके बयान भी दर्ज किये है. साथ ही उन्होंने इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया कि, पुलगांव के 30 बेड की क्षमता वाले सरकारी अस्पताल में वैद्यकीय अधीक्षक के एक पद सहित स्वास्थ्य अधिकारी के दो पद रिक्त पडे है, जिसकी वजह से यहां अक्सर ही डॉक्टरों की कमी रहती है. वे इस बात से भी अपने वरिष्ठाधिकारियों को अवगत कराएंगे.