महाराष्ट्र

एमपीएससी उत्तीर्ण हुए तीन वर्ष हो गए, अब तक नहीं मिली नियुक्ति

सैकडों युवाओं का भविष्य अटका है अधर में

उत्तीर्ण युवा कर रहे ऑर्डर मिलने की प्रतीक्षा
मुंबई/दि.25 – एमपीएससी की पूर्व परीक्षा व मुख्य परीक्षा के साथ ही साक्षात्कार की प्रक्रिया में उत्तीर्ण व पात्र रहने के बावजूद नियुक्ति पत्र नहीं मिलने की वजह से सैकडों युवक-युवतीयों को तनाव एवं निराशा का सामना करना पड रहा है. जिसके चलते 3 वर्ष पहले एमपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके करीब 215 अभियंता आज भी खुद को ऑर्डर मिलने की प्रतीक्षा कर रहे है. पहले कोरोना, फिर मराठा आरक्षण, इसके बाद इडब्ल्यूएस का मसला तथा अब न्यायालयीन प्रक्रिया ऐसी कोई न कोई वजह आगे करते हुए राज्य सरकार द्बारा की जाने वाली लेटलतीफी के चलते एमपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण रहने वाले युवा अब त्रस्त होने के साथ ही थक गए है.
बता दें कि, एमपीएससी ने 18 मार्च 2020 को सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग तथा जलसंपदा विभाग में स्थापत्य अभियांत्रिकी सेवा गट-अ व गट-ब के लिए विज्ञापन जारी किया था. जिसमें हजारों उम्मीदवारों ने मार्च 2021 में पूर्व परीक्षा दी और इसमें उत्तीर्ण रहने वाले उम्मीदवारों ने दिसंबर 2021 में मुख्य परीक्षा दी. इस बीच मई 2020 में सर्वोच्च न्यायालय ने मराठा आरक्षण को रद्द कर दिया तथा राज्य सरकार ने मराठाओं को आर्थिक रुप से पिछडे घटक यानि इडब्ल्यूएस में समाविष्ट करने की प्रक्रिया शुरु की. परंतु इसकी वजह से इडब्ल्यूएस संवर्ग के मूल उम्मीदवार बाहर फेके गए. जिसके चलते उन्होंने अदालत में गुहार लगाई. इस वजह से पूरा मामला लटका रह गया.
अगस्त 2022 में मुख्य परिणाम घोषित हुआ. लेकिन न्यायालयीन प्रक्रिया शुरु रहने की वजह आगे करते हुए नियुक्तियां देने से इंकार किया जा रहा है. ऐसा कई परीक्षार्थियों का कहना है.
अभियंताओं की नियुक्ति में देरी क्यों
एमपीएससी के मार्फत ली गई वर्ष 2020 की राज्य सेवा परीक्षा, एमवीआई व आरटीओ पदों की भरती प्रक्रिया पूर्ण होकर उत्तीर्ण व पात्र रहने वाले उम्मीदवारों को नियुक्तियां भी मिल गई. आरक्षण को लेकर संभ्रम रहने के बावजूद संबंधित विभागों ने विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए न्यायालय के अधीन रहकर नियुक्ति की प्रक्रिया को तत्काल पूर्ण किया. यदि सभी नियुक्तियों के लिए नियम व कानून एकसमान है, तो अभियंताओं की नियुक्ति को लेकर संंबंधित महकमों द्बारा लेटलतीफी क्यों की जा रही है. यह अपने आप में सबसे बडा सवाल है.

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