इसे कहते हैं जोर का झटका धीरे से
राज्यसभा में मिली जीत के बाद डॉ. अनिल बोंडे का कथन
मुंबई/दि.11– राज्यसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने और इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज करने के साथ ही नवनिर्वाचित सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि, इसे ही जोर का झटका धीरे से लगना कहते है. लेकिन शरद पवार खुद को झटका लगने से इन्कार जरूर करेंगे, परंतू अभी आगे 20 जून की तारीख भी आनेवाली है और इसके बाद भी धक्के पर धक्के लगनेवाले है.
राज्यसभा चुनाव में भाजपा को छठवीं सीट पर हुई काटे की टक्कर में मिली जीत के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि, महाविकास आघाडी सरकार अब महाराष्ट्र की जनता के लिए सिरदर्द साबित हो गई है. साथ ही सरकार के साथ रहनेवाले कई विधायक भी अब इस सरकार से चीढ गये है. आखिर छोटे दलों के विधायक और निर्दलीय विधायक भी कितने दिनों तक इस सरकार के अन्याय को सहन करते. ऐसे में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री देवेेंद्र फडणवीस तथा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील द्वारा किये गये आवाहन को प्रतिसाद देते हुए अपनी अंतरआत्मा की आवाज पर मतदान किया.
राज्यसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद सेना नेता संजय राउत ने कहा था कि, भाजपा ने भले ही चुनाव में जीत हासिल की है, लेकिन यह भाजपा की जीत नहीं है. जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. बोंडे ने कहा कि, संजय राउत ने जीत की व्याख्या को दुबारा तय करना चाहिए. हकीकत में संजय राउत और शिवसेना को पिछले विधानसभा चुनाव में जो जीत मिली थी, वह उनकी जीत नहीं थी, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो लगाकर और देवेंद्र फडणवीस को दुबारा मुख्यमंत्री बनाने की बात कहते हुए शिवसेना ने अपने उम्मीदवारों को जीत दिलाई थी. जिसके बाद मौके की राजनीति करते हुए कांग्रेस व राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. परंतू तीनों भी दल मिलकर राज्यसभा के चुनाव में छठवीं सीट पर अपने प्रत्याशी को जीत नहीं दिला सके और हमने किसी के भी साथ युती किये बिना अपने तीनों उम्मीदवारों को चुनकर लाया.