पायलट बनने में लग रहे ढाई साल
फ्लाइंग आवर्स पूरे करने के लिए नहीं मिल रहा उडान का पर्याप्त मौका
* फ्लाइंग क्लब को नहीं मिल रहे पायलट
* अमरावती के बेलोरा में भी ट्रेनिंग सेंटर की मंजूरी
नागपुर /दि. 4– उपराजधानी में मिहान, एयरपोर्ट के रेंगते हुए विकास की तरह ही नागपुर फ्लाइंग क्लब का काम चल रहा है. फरवरी 2022 में नागपुर फ्लाइंग क्लब शुरु हुआ था. लेकिन अब तक इसकी पहली बैच के 40 प्रशिक्षणार्थी सीपीएल (कमर्शियल पायलट लायसेंस) ही हासिल नहीं कर पाए है. देश में पायलटों का इतना टोटा है कि खुद नागपुर फ्लाइंग क्लब भी इससे अधूता नहीं रहा. ऐसा प्रतीत हो रहा है मानों सरकारी होने की वजह से ये क्लब प्रोफेशनल ढंग से चल ही नहीं पा रहा है.उल्लेखनीय है कि, अमरावती के बेलोरा विमानतल के पास टाटा की कंपनी शीघ्र ट्रेनिंग केंद्र खोलने वाली है. जिससे संभाग के पायलट बनने के इच्छूक युवाओं को अवसर मिलेगा. यह एशिया का सबसे बडा ट्रेनिंग सेंटर होगा.
2021 से पहले क्लब कई साल तक बंद रहा. इसके बंद होने के पीछे चीफ फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर (सीएफआई) एक बडा मसला रहा है. जब शुरु हुआ तो सीएफआई के अभाव में फ्लाइंग देरी से शुरु हुई. आखिर डिप्टी सीएफआई से ही काम चलाया जाने लगा. बताया गया है कि, हाल ही असिस्टेंट एएफआई को नागपुर एयरपोर्ट से सबसे ज्यादा उडाने संचालित करने वाली एयरलाइंस से ऑफर मिला तो वे फ्लाइंग क्लब की नौकरी से इस्तीफा देकर उधर चले गए. अधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन दिनों कमर्शियल फ्लाइट के अलावा प्रायवेट जेट व हेलिकॉप्टर्स के साथ बढते वीआईपी मूवमेंट के चलते कई दफा क्लब के विमानों को टेक ऑफ करने के लिए रनवे नहीं मिल पाता. इस वजह से केवल एक को छोडकर शेष सभी प्रशिक्षु पायलटों के फ्लाइंग ऑवर्स समय पर पूरे नहीं हो पा रहे है.
* सरकार बदली पर नहीं हुआ पूर्ण विकास
उद्धव ठाकरे सरकार के दौरान तत्कालीन मंत्री आदित्य ठाकरे के हाथों एनएफसी की फ्लाइंग का उद्घाटन हुआ था. अब दो साल से ज्यादा का अरसा बीत चुका है. राज्य में सरकार बदल चुकी है और चंद माह बाद फिर नई सरकार होगी. इतना समय बीतने के बाद भी नागपुर फ्लाइंग क्लब अपने पूर्ण विकास का इंतजार कर रहा है. इसमें हॉस्टेल फेसिलिटी अब तक मुहैया नहीं हो पाई है.
* चंद्रपुर में हैंगर का काम ही शेष
प्रशिक्षु पायलटों को जल्द 200 घंटे फ्लाइंग उपलब्ध हो, इसके लिए चंद्रपुर में नागपुर फ्लाइंग क्लब की शाखा शुरु करने की तैयारी बीते दो साल से चल रही है. अधिकाधिक सूत्रों के अनुसार चंद्रपुर में रनवे व अन्य कार्य हो चुके है. लेकिन हैंगर का काम शेष है.
* रु. 26 के बजाय रु. 41 लाख होगी फीस
नागपुर फ्लाइंग क्लब में अधूरे विकास के बीच एक नए बडे बदलाव में यही बात सुनने में आई है कि, अब यहां पायलट ट्रेनिंग कोर्स की फीस 26 लाख के बजाय 41 लाख रुपए होगी. हालांकि 10 साल पहले की तरह एक सवाल अभी भी बना हुआ है कि, समय पर कोर्स पूरा न करवाने के चलते कई प्रशिक्षणार्थियों का संबंधित क्षेत्र में करियर भी देर से बनता है. उनके अनुभव में भी एक साल की कमी आएगी. फ्लाइंग क्लब के सालों बंद रहने के दौरान तो कई प्रशिक्षार्थियों की अप्लाई करने की उम्र ही नहीं रही और कई का पायलट बनने से रुझान ही खत्म हो गया था. हालांकि शासन व प्रशासन स्तर पर फ्लाइंग क्लब की ओर कुछ समय के लिए ही सही गंभीरता से ध्यान दिया जाए तो ये नागपुर फ्लाइंग क्लब देश का सबसे बेहतर क्लब बन सकता है.