महाराष्ट्र

26 जनवरी से येरवडा कारागृह में ‘जेल-पर्यटन’

गृहमंत्री अनिल देशमुख ने की घोषणा

मुंबई/दि.23 – देश में पहली बार कारागृह में पर्यटन की शुरुआत महाराष्ट्र राज्य से होने जा रही है. 26 जनवरी से येरवडा कारागृह में ‘जेल-पर्यटन’ शुरु किया जा रहा है, इसकी घोषणा राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने की. राज्य के कारागृह स्वतंत्रता पूर्व तथा स्वतंत्रता काल की अनेक घटनाओ के साक्षी रह चुके है. घटनाओं के संदर्भ कारागृह में प्रशासन की ओर से जतन कर रखे गए है. इन घटनाओं से प्रेरणा मिले इस उद्देश्य को लेकर कारागृह में प्रीझन टूरिझम की संकल्पना साकार की जा रही है.
येरवडा, ठाणे, नाशिक कारागृह में अनेक घटना व प्रसंग घट चुके है. राष्ट्रीय नेताओं ने इन कारागृहों में सजा भुगती है. उस समय की कोठरियों का जतन किया गया है. इस प्रेरणादायी इतिहास को समझने के लिए कारागृह में शुरु किया जा रहा पर्यटन उपयुक्त साबित होगा, ऐसी जानकारी राज्य के अतिरिक्त पुलिस महासंचालक व कारागृह महानिरिक्षक सुनील रामानंद ने दी है.
इसमें विद्यार्थियों को पिकनिक के लिए व सर्वसामान्य नागरिकों को जेल यात्रा की अनुमति दी जाएगी ऐसा भी कारागृह महानिरिक्षक सुनील रामानंद ने स्पष्ट किया. कारागृह में देश की स्वतंत्रता की लडाई की ऐतिहासिक धरोहर यहां पर है, जिसे नई पीढी तक पहुंचाने का कारागृह प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार किया है और उसे राज्य सरकार को पहुंचाया गया है. जिसमें मान्यता मिलते ही यह योजना सर्वप्रथम पुणे, नाशिक व ठाणे कारागृह में कार्यान्वित की जाएगी.

  • कारागृहों का ऐतिहासिक महत्व

1. नाशिक रोड मध्यवर्ती कारागृह : 1932 में साने गुरुजी को गिरफ्तार कर यहां कैद किया गया था. उन्होंने यहां ‘खरा तो एकच धर्म’ कविता व ‘शामची आई’ पुस्तिका लिखी थी.
2. ठाणे कारागृह : क्रांतिकारी अनंत लक्ष्मण कान्हेरकर को ब्रिटिश अधिकारी जेक्सन की हत्या के जुर्म में उनके साथ कृष्णाजी कर्वे, विनायक देशपांडे को 19 अप्रैल 1910 में फांसी दी गई थी.

  • ऐतिहासिक लम्हों की खान है येरवाडा कारागृह

येरवाडा कारागृह अनेकों ऐतिहासिक यादों को संजोए हुए है. यहां पर महात्मा गांधी व डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के बीच ऐतिहासिक पुणे करार यहां हुआ था. येरवाडा स्थित कारागृह के यार्ड को गांधी यार्ड का नाम दिया गया है. जहां पर लोकमान्य तिलक, बैरिस्टर मोतीलाल नेहरु, पंडित जवाहरलाल नेहरु, सरोजनी नायडू, वल्लभभाई पटेल, सुभाषचंद्र बोस को गिरफ्तार कर कैद किया गया था. उन सभी कोठडियों का यहां पर जतन किया गया है. उसी प्रकार सरसंघ चालक बालासाहब देवरस व बालासाहब ठाकरे भी यहां थे. उनके भी यार्ड का जतन किया गया है.

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