महाराष्ट्र

समृद्धि एक्सप्रेस वे से जुडने वाला जालना-नांदेड मार्ग होगा डांबरी

काँक्रिट के लिए वातावरण अनुकूल नहीं, डांबर तुलनात्मक रुप से सस्ता भी

छ. संभाजीनगर/दि.1 – मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग के साथ मराठवाडा के और 4 जिलों को जोडने के लिए जालना से नांदेड के बीच एक्सप्रेस वे बनाना प्रस्तावित किया गया है. इसके तहत पहले कहा गया था कि, इस महामार्ग को समृद्धि एक्सप्रेस वे की तरह सिमेंट काँक्रिट से बनाए जाएगा. लेकिन हकीकत में एमएसआरडीसी ने इस रास्ते का निर्माण सिमेंट काँक्रिट की बजाय गिट्टी-डांबर से किया है. विशेष उल्लेखनीय यह है कि, इस महामार्ग के लिए प्रयास करने वाले राज्य के पूर्व सार्वजनिक लोकनिर्माण मंत्री अशोक चव्हाण ने सिमेंट की बजाय डांबर से बनाए जा रहे इस रास्तें का तीव्र विरोध किया है. वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र राज्य रास्ते विकास महामंडल की ओर से इस संदर्भ में स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा गया है कि, मराठवाडा का वातावरण सिमेंट काँक्रिट की सडक हेतु अनुकूल नहीं है. साथ ही काँक्रिट की तुलना में डांबर से बना रस्ता काफी सस्ता भी है.
इस संदर्भ में एमएसआरडीसी द्बारा बताया गया कि, जालना से लेकर नांदेड के बीच वातावरण में हमेशा ही बदलाव होता रहता है. इस परिसर में बारिश कम होती है और उष्णता अधिक रहती है. इस तरह का वातावरण काँक्रिट से बनने वाले महामार्ग के लिए अनुकूल नहीं होता. साथ ही इस परिसर का भू-भाग भी सिमेंट काँक्रिट से बनने वाले महामार्ग के लिए अनुकूल नहीं है. जिसके चलते राइडिंग क्वॉलिटी के लिए इस महामार्ग को डांबर से बनाया जा रहा है.

* 180 किमी का महामार्ग, 8 इंटरचेंज, 8 टोल नाके
– 179.802 किमी लंबाई, 100 मीटर चौडाई
– 20 मीटर बुलेट टे्रन के लिए आरक्षित
– 22 हजार करोड रुपए खर्च
– 2200 हेक्टेअर भू-संपादन जरुरी
– 80 फीसद भू-संपादन हो चुका पूर्ण
– भू-संपादन के लिए 2800 करोड रुपए लगेंगे
– महामार्ग पर 8 इंटरचेंज व 8 टोल नाके
– जालना जिले के मंठा व परतुब, परभणी जिले के सेलू, जिंतूर, परभणी व पूर्णा तथा नांदेड जिले के नांदेड तहसील क्षेत्र के 87 गांवों से होकर यह महामार्ग गुजरेगा.
– दिसंबर-जनवरी से होगा प्रत्यक्ष काम शुरु

* मराठवाडा पर अन्याय क्यों, मंत्री ध्यान दें
पूरे राज्य में सिमेंट काँक्रिट के रास्ते व महामार्ग बनाए जा रहे है. ऐसे में जालना-नांदेड महामार्ग का निर्माण भी सिमेंट काँक्रिट से किया जाना चाहिए. ऐसी हमारी मांग थी. परंतु यदि इसे डांबरी रास्ता बनाया जा रहा है, तो यह मराठवाडा पर अन्याय है. मैं इसके खिलाफ एक बार फिर आवाज उठाउंगा. साथ ही मराठवाडा क्षेत्र से वास्ता रखने वाले मंत्रियों ने भी इस ओर ध्यान देना चाहिए.
– अशोक चव्हाण,
पूर्व सार्वजनिक लोकनिर्माण मंत्री

 

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