महाराष्ट्र

राज्य में शैक्षणिक सत्र होगा जनवरी से दिसंबर

नई शैक्षणिक नीति तय करने स्थापित होगी नीति

सीएम ने दिये केंद्र से विचार-विनियम करने के निर्देश

हिं.स./दि.२१

मुंबई – केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित की गई नई शैक्षणिक नीति के मद्देनजर राज्य के सभी विभागों के शिक्षा विशेषज्ञों व अभ्यासकों का समावेश रहनेवाली समिती गठित करते हुए इस नीति पर अमल हेतु व्यवस्थित विचार-विनिमय करने का निर्देश मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे द्वारा जारी किया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि, फिलहाल जारी हालात को देखते हुए अब राज्य में शैक्षणिक सत्र को जनवरी से दिसंबर के बीच चलाये जाने के संदर्भ में भी केंद्र सरकार के साथ विचार-विनिमय किया जाये.

अपने सरकारी आवास वर्षा बंगले पर नई शैक्षणिक नीतियों के संदर्भ में मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने एक बैठक बुलायी थी. जिसमें शालेय शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड, उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत, मराठी भाषा मंत्री सुभाष देसाई, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, तथा शिक्षा मंत्री बच्चू कडू सहभागी हुए थे. जिन्होंने इस विषय को लेकर अपने-अपने विचार रखे. इस बैठक में सीएम उध्दव ठाकरे ने कहा कि, इस नई शिक्षा नीति में कई नई संकल्पनाएं है. जिसके चलते राज्य सरकार को भी अपने कानूनों में कई संशोधन करने पडेंगे. कुछ आवश्यक व अनिवार्य बदलाव स्वीकार करना पडेगा. साथ ही जिन्हें एकदम से स्वीकार नहीं किया जा सकता और जिन मामलों को लेकर कुछ दिक्कतें है, उनके बारे में भी विचार करना पडेगा.

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, राज्य में १०० फीसदी विद्यार्थियों तक ऑनलाईन व ऑफलाईन तरीके से शिक्षा सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए और इस काम में सामने आ रही सभी तरह की दिक्कतों व समस्याओं को शिक्षा विभाग द्वारा दूर किया जाना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, राज्य में प्रतिवर्ष जून माह में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होता है, लेकिन मौजूदा समय को देखते हुए शैक्षणिक सत्र को जनवरी से दिसंबर माह के बीच नये सिरे से परिभाषित किये जाने की जरूरत है. जिसके बारे में केंद्र सरकार से आवश्यक विचार-विनियम किया जाना चाहिए.

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