‘भाजपा से हाथ मिला लेते हैं, हमारे नेता बख्शे जाएंगे’
जांच एजेंसियां परेशान करती हैं, शिवसेना एमएलए ने उद्धव को लिखा खत
मुंबई/दि.२० – महाराष्ट्र में एक शिवसेना विधायक ने पार्टी चीफ और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को खत लिखकर बीजेपी से हाथ मिला लेने की सलाह दी है। शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक ने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे खत में कहा है कि केंद्रीय एजेंसियां परेशान कर रही हैं। इसलिए अब बीजेपी से हाथ मिला लीजिए ताकि हमारे नेताओं को बख्शा जाए. ठाणे के ओवाल-माजिवादा विधानसभा सीट से विधायक प्रताप सरनाईक ने अपने खत में कहा है कि अब बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन नहीं है लेकिन उनके नेताओं के बीच रिश्ते अभी भी अच्छे हैं इसलिए हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रताप सरनाईक ने आगे लिखा है कि % कई केंद्रीय एजेंसियां मेरे और दूसरे अन्य शिवसेना नेताओं मसलन – अनिल परब और रविंद्र वैकार के पीछे पड़ी हैं. वो और उनके परिवार को तंग किया जा रहा है. अगर बीजेपी और शिवसेना साथ आ जाते हैं तो इन नेताओं को ऐसी परेशानियों से बख्श दिया जाएगा.
पार्टी के विधायक प्रताप सरनाईक ने आगे लिखा है कि पूर्व सहयोगियों को जरुर अब साथ आ जाना चाहिए. खासकर ऐसे समय में जब मुंबई और थाणे समेत कई निगम चुनाव होने हैं. बताया जा रहा है कि यह खत सीएम कार्यालय को 10 जून को मिला है. आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय पिछले साल मंनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रताप सरनाईक के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसके अलावा उनके बेटे विहांग सरनाईक से पूछताछ भी हुई थई. उस वक्त राज्य की महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार ने केंद्र सरकार पर विधायकों को टारगेट करने का आरोप लगाया था.
इधर इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत ने कहा है कि %एक विधायक ने मुख्यमंत्री को खत लिखा है, मुझे इसके बारे में क्या कहना चाहिए? हालांकि, अगर यह खत वाकई उन्होंने ही लिखा है तब उन्होंने एक गंभीर मुद्दा उठाया है कि महा विकास अघाड़ी के विधायकों को परेशान किया जा रहा है.
प्रताप सरनाईक ने अपने खत में कहा है कि मौजूदा सरकार में सहयोगी कांग्रेस अकेले ही निगम चुनाव लड़ेगी. जबकि दूसरी सहयोगी पार्टी एनसीपी शिवसेना के ही विधायकों को लालच देकर तोड़ने और अपने पाले में करने की कोशिश में जुटी हुई है. बता दें कि साल 2019 में शिवसेना और भाजपा का बरसों पुराना याराना टूट गया था. बताया जा रहा है कि चुनाव में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर शिवसेना और बीजेपी के बीच अनबन हुई थी और फिर यह टकराव आगे जाकर दरार में तब्दील हो गई. इसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन कर सरकार बनाई थी.